इसी दौरान नाच-गान करने आयी नर्तकी से बहड़ारगांव छोटन सिंह उर्फ भिखर सिंह छेड़छाड़ करने लगा, तो सूचक रवींद्र कुमार के बड़े भाई नीलकमल उर्फ संतोष कुमार ने मना किया. इस पर छोटन सिंह ने पिस्तौल से नील कमल के सीने में गोली मार दी. घायल नीलकमल को उसके परिजन डेहरी स्थित बोस क्लिनिक ले गये, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
कोर्ट ने अभियुक्त छोटन सिंह को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302 में आजीवन सश्रम कारावास एवं 27(1) आर्म्स एक्ट में दोषी पाते हुए तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपये अर्थदंड (जुर्माना) की सजा सुनायी है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. अर्थदंड नहीं जमा करने पर सात माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. मुकदमे में अभियोजन पक्ष से रामाशीष सिंह, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने बहस की.