बेटे और भतीजे की भी हुई मौत
चतरा : सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया गांव के भेलवाही पहाड़ में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया माओवादी जोनल कमांडर अनुराग उर्फ आरके उर्फ डॉक्टर उर्फ ब्रजेश प्रतापपुर के ननई गांव का रहने वाला था़ अनुराग के साथ उसका बेटा संतोष व भतीजा योगेश के साथ प्रतापपुर का चालक मो एजाज भी मारा गया़ संतोष चचेरे भाई योगेश के साथ प्रतापपुर का एक स्कॉपियो लेकर अपने पिता से मिलने गया था़ वह स्कॉपियो मो एजाज चला रहा था.
अनुराग वर्ष 1990 में भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हुआ था़ 25 वर्षो तक संगठन में सक्रिय रहा़ गांव के ही एक व्यक्ति राजकुमार मिस्त्री के साथ विवाद हुआ था़, जिसका बदला लेने के लिए वह संगठन में शामिल हुआ था़ संगठन में रहते हुए उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया़ अनुराग के नाम से क्षेत्र में दहशत था़ अनुराग की पत्नी कौशल्या देवी मंझगांवा आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका है़
पारस के मरने के बाद जोनल कमांडर बना
माओवादी पारस उर्फ अजय 2013 में मरने के बाद संगठन ने अनुराग को जोनल कमांडर बनाया गया़ वह दो वर्ष तक जोनल कमांडर पद पर रहा़ कड़ा मिजाजी होने के कारण लोग इसका नाम सुन कर डरते थ़े
एक माह में माओवादियों को तीसरा बड़ा नुकसान
एक माह पूर्व चौपारण थाना क्षेत्र में हजारीबाग पुलिस ने तीन माओवादी को मारा था. 16 मई को बाराचट्टी थाना क्षेत्र के धनगाय में पुलिस मुठभेड़ में महिला जोनल कमांडर सरिता उर्फ उर्मिला उर्फ रानी मारी गयी़ जिसके विरोध में माओवादियों ने दो दिन बंद बुलाया था़ तीसरी घटना में 12 माओवादी मारे गय़े