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नियोजन के इंतजार में कार्यपालक सहायक अभ्यर्थी

खगड़िया: आज भी अपने नियोजन की उम्मीद लगाये कार्यपालक सहायक के अभ्यर्थी जांच रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. 2013 में बनाये गये पैनल के दर्जनों अभ्यर्थी जांच रिपोर्ट आने के इंतजार में हैं. उन्हें विश्वास है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निष्कर्ष निकल पायेगा, जिसके बाद उनलोगों का नियोजन होगा. […]

खगड़िया: आज भी अपने नियोजन की उम्मीद लगाये कार्यपालक सहायक के अभ्यर्थी जांच रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. 2013 में बनाये गये पैनल के दर्जनों अभ्यर्थी जांच रिपोर्ट आने के इंतजार में हैं. उन्हें विश्वास है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निष्कर्ष निकल पायेगा, जिसके बाद उनलोगों का नियोजन होगा. उल्लेखनीय है कार्यपालक सहायक के नियोजन में अनियमितता आने के बाद सात कार्यपालक सहायक के चयन को रद्द कर दिया गया था, लेकिन आज तक पूरी जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी है.

जानकारी के अनुसार कार्यपालक सहायकों की हुई बहाली की जांच अब तक नहीं हो पायी है, जबकि बहाली की जांच के लिए छह माह पूर्व ही डीएम ने जांच कमेटी का गठन किया था. एडीएम एमएच रहमान के नेतृत्व में दिसंबर माह में ही चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था.

जांच टीम में एडीएम के साथ-साथ डीटीओ अब्दुल रज्जाक, जिला पंचायती राज पदाधिकारी व वरीय उपसमाहर्ता मुकेश कुमार सिन्हा को जांच टीम में रखा गया था. वर्ष 2013 में हुई कार्यपालक सहायक के बहाली को लेकर जिला स्तर पर लगातार शिकायत मिलने के बाद डीएम ने बहाली की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. हालांकि अब तक जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट समर्पित नहीं किया है.

आरक्षण रोस्टर में पारदर्शिता का अभाव

सूत्र की माने तो कार्यपालक सहायकों की बहाली में विभागीय नियमों की अनदेखी की गयी थी. विभागीय जानकारी के मुताबिक प्रारंभिक जांच में कार्यपालक सहायक की बहाली में अनियमितता प्रतीत हो रही है. इनके अनुसार कुछ को छोड़ अधिकांश अभ्यर्थियों के लिए बनाये गये रोस्टर का अनुमोदन प्रमंडलीय आयुक्त से नहीं कराया गया था.

अभ्यर्थियों के एक-एक वर्ष में एक ही पैनल बनाया जाना था. इस पैनल में शामिल अभ्यर्थी की बहाली के उपरांत ही नये पैनल का निर्माण कराना था. जांच में यह बातें सामने आ रही है कि एक वर्ष में एक से अधिक पैनल का निर्माण किया गया था. पहले बने पैनल में शामिल अभ्यर्थी को छोड़ नये पैनल का निर्माण कर उसमें शामिल अभ्यर्थी की बहाली की गयी है.

आवेदक ने आयुक्त से की शिकायत

कार्यपालक सहायक की जांच पूरी नहीं होने के कारण कई अभ्यर्थियों ने प्रमंडलीय आयुक्त को आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की है. आवेदक अविनाश कुमार ने आयुक्त को आवेदन देकर कहा है कि कार्यपालक सहायक की बहाली में वरीयता के आधार पर बहाली नहीं की गयी है. उनका कहना है कि अधिक अंक वाले की जगह कम अंक वाले का चयन किया गया है. इन लोगों ने आयुक्त से अपना चयन करने की मांग की है.

वहीं कार्यपालक सहायक के अभ्यर्थी सिंटू कुमार ने बताया कि आखिर किस वजह से उनलोगों का नियोजन विभाग नहीं कर रही है. अभिषेक कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन से उचित न्याय नहीं मिलने पर वे लोग उच्च न्यायालय से न्याय की गुहार लगायेंगे.

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