पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है. उन्होंने कहा कि लंबी सौदेबाजी और दबाव की राजनीति के बाद लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार किया है. वे तो अब भी लालू प्रसाद और सोनिया गांधी की रजामंदी से ही मुख्यमंत्री हैं. जनता उन्हें फिर मौका देनेवाली नहीं है. भाजपा चुनाव में हर तरह से नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और सोनिया गांधी का सामना करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि जनता परिवार में विलय, गंठबंधन, महागंठबंधन और नेता चयन के नाम पर पटना से दिल्ली तक जो जोड़-तोड़ चली, उससे अविश्वास का माहौल बना.
लालू प्रसाद और नीतीश कुमार में इतना अविश्वास है कि दोनों एक-दूसरे की पीठ में छुरा घोंपने को तैयार रहेंगे. पर वोट के लिए एकजुट दिखने का नाटक कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि जनता ने 15 साल तक लालू प्रसाद का जंगलराज देखा, यूपीए शासन के दस साल में बढ़ते भ्रष्टाचार को सहा और भाजपा से अलग होनेवाले नीतीश कुमार को दो साल से जंगलराज- दो का ट्रेलर दिखाते भी देख रही है. उनके सुशासन की चमक तो उसी दिन उतर गयी थी, जिस दिन उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा और लालू प्रसाद के पैर पकड़ लिये. महज तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव में जनता परिवार और कांग्रेस का जहाज डूबने वाला है, इसलिए लोग कभी इसका, तो कभी उसका हाथ पकड़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब उस कांग्रेस का हाथ पकड़ने के लिए बेताब हैं, जो खुद डूबी हुई है. मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने बिहार में 45 साल राज किया. इसके 12 मुख्यमंत्री भी विकास नहीं कर पाये, जो कांग्रेस लालू-राबड़ी के 15 साल के जंगलराज में अंतिम पांच साल तक कुशासन की साझा गुनहगार थी, उसकी अंगुली पकड़ कर नीतीश कुमार फिर से सत्ता पाना चाहते हैं.