छातापुर: कोसी आपदा पुनर्वास योजना के क्रियान्वयन के लिएराज मिस्त्री व दबिया कारीगर के चयन में धांधली का मामला एक बार फिर सामने आया है. चयन के नाम पर मोटी रकम वसूली कर पुराने व अनुभवी कारीगरों को दरकिनार करते हुए डीएमसी एवं पुनर्वास कर्मियों की मिलीभगत से 20 से 25 हजार रुपये तक की वसूली कर नये अभ्यर्थियों को चयनित कर लिया गया है.
चयन प्रक्रिया से वंचित दबिया कारीगर व राज मिस्त्री के रूप में पूर्व से कार्यरत व अनुभवी लगभग दर्जन भर अभ्यर्थियों ने डीएम से लिखित शिकायत कर मामले की जांच कर कार्रवाई का अनुरोध किया है.
दिये आवेदन में चयन प्रक्रिया को रद्द करते हुए प्रायोगिकता के आधार पर नये सिरे से चयन प्रक्रिया करवाने की मांग की गयी है. पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री को भी भेजी गयी है. पत्र में मो कलाम साफी, मो मंजूर आलम, राज किशोर दिवाकर, प्रदीप यादव, राम सेवक सिंह, अमीन राम, देवी लाल शर्मा, सेवी शर्मा, बलराम शर्मा, रमाकांत यादव, जय प्रकाश सहनी ने बताया कि विभाग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में स्पष्ट रूप से जानकारी दी गयी थी कि पुराने कर्मियों का प्राथमिकता के आधार पर चयन किया जायेगा. पर, 28 मई को सहरसा में हुए साक्षात्कार में वैसे अभ्यर्थियों को सफल कर दिया गया, जिनसे मोटी रकम की वसूली की गयी. पूर्व के कर्मियों से भी डीएमएस एवं पुनर्वास के कर्मियों ने 20 -20 हजार रुपये की मांग की थी. नहीं देने पर अनुभव रहने के बावजूद उन्हें साक्षात्कार में असफल कर दिया गया. मालूम हो कि पुनर्वास पुनर्निर्माण के दूसरे चरण के क्रियान्वयन हेतु राज मिस्त्री व दबिया कारीगरों के चयन में भी व्यापक पैमाने पर धांधली की बात सामने आयी थी. शिकायत के बाद बीपीएम एवं एबीपीएम को दोषी मानते हुए बरखास्त कर दिया गया था.