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गरमी से सांसत में जनजीवन
सहरसा नगर: इन दिनों कोसी का इलाका भगवान भास्कर के रौद्र रूप से पिघल रहा है. सुबह सूर्य के दर्शन मात्र से ही तपन का अनुभव होने लगता है. गरमी की बाबत मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि सामान्यत: पारा 36 डिग्री के पार चला जाता है. गरमी का आलम यह है कि सड़कें सुनसान हो […]
सहरसा नगर: इन दिनों कोसी का इलाका भगवान भास्कर के रौद्र रूप से पिघल रहा है. सुबह सूर्य के दर्शन मात्र से ही तपन का अनुभव होने लगता है. गरमी की बाबत मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि सामान्यत: पारा 36 डिग्री के पार चला जाता है. गरमी का आलम यह है कि सड़कें सुनसान हो गयी है. लोगों को दैनिक कार्य निबटाने में भी परेशानी होती है. दोपहर के समय चाय की चुस्की लेने वाले लोग भी शिकंजी के शौकीन हो गये हैं. स्कूल व कॉलेज में कमोबेश छात्रों की उपस्थिति भी कम देखी जा रही है.
व्यवसाय हो रहा प्रभावित
गरमी के प्रकोप का असर व्यवसाय पर नजर आने लगा है. बाजार में अघोषित मंदी देखने को मिल रही है. मोंटेकारलो के प्रोपराइटर शशिशेखर सम्राट बताते हैं कि लोग जरूरत का सामान खरीद घरों में दुबके हुए हैं. कीलर के प्रोपराइटर मो अम्मार ने बताया कि मौसम का यही रुख बरकरार रहा तो व्यवसायियों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. ज्ञात हो कि गरमी में प्रयुक्त किये जाने वाले कपड़ों के बाजार पर मौसम की मार अत्यधिक देखने को मिल रही है.
कोल्ड वाटर की बढ़ी मांग
गरमी की वजह से लोगों की प्यास लगातार बढ़ रही है. घरों के अलावा कार्यालय व दुकानों पर लोग कोल्ड वाटर पीना पसंद कर रहे हैं. ज्ञात हो कि इन दिनों शहर में प्यूरीफाइ वाटर की खपत बढ़ गयी है. शादी समारोह के अलावा दैनिक उपयोग में लोग शुद्ध शीतल जल की बुकिंग करा रहे हैं. प्यूरीफाइ प्लांट के प्रोपराइटर राजन झा बताते हैं कि उत्पादन से ज्यादा आपूर्ति होने की वजह से सभी ग्राहकों को संतुष्ट नहीं किया जा रहा है.
एसी व कूलर की डिमांड
गरमी के मौसम में एसी व कूलर की डिमांड बढ़ी है. लोग इन चीजों की खूब खरीदारी कर रहे हैं. दुकानदार बताते हैं कि सरकारी कार्यालयों के अलावा निजी कार्यालय में एसी को प्राथमिकता दी जा रही है. इसके अलावा घरों में लोग कूलर से काम चला रहे हैं. ज्ञात हो कि ब्रांडेड कूलर की डिमांड लोकल मेड कूलरों से ज्यादा है.
प्याउ की नहीं है व्यवस्था
शहरी क्षेत्र में गरमी से प्यासे गले को तर करने की कोई व्यवस्था नहीं है. स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाले स्वयंसेवी संगठनों के अलावा जिला प्रशासन द्वारा भी चौक चौराहे पर प्याउ या मटके का प्रबंध नहीं किया गया है. ज्ञात हो कि महानगरों में स्थानीय लोगों व नगर निकाय द्वारा चौक चौराहों पर मटका व प्याउ के माध्यम से लोगों के गले को तर किया जाता है.
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