ढाका : प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को भरोसा दिलाते हुए आज कहा कि बांग्लादेश आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने में कतई बर्दाश्त नहीं करने का रुख अपनाना जारी रखेगा क्योंकि आतंकवादी दोनों देशों की बीच मौजूद खुली सीमा का फायदा उठाया करते हैं.
उन्होंने अपनी व्यापक वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक संयुक्त मीडिया बातचीत में कहा, ‘हम अपनी सीमाओं को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने के लिए आतंकवाद तथा चरमपंथ के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने का रुख अपनाना जारी रखेंगे.’ बांग्लादेश और भारत 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं जिनमें से ज्यादातर खुली है.
वार्ता में दोनों देश सुरक्षा सहयोग बढाने के तरीके निकालने पर राजी हुए. जनवरी 2009 में हसीना सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध में सुधार हुआ है. हसीना सरकार ने उन आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाये हैं जो बांग्लादेश में शरण लिये हुये हैं.
पाकिस्तान समर्थित कट्टरपंथी तत्वों की गतिविधियों में बांग्लादेश में कमी आई है और मोदी भारत के रणनीतिक हितों को देखते हुए हसीना सरकार के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना चाहेंगे. हसीना ने कहा, ‘हमारी बहुत सार्थक वार्ता हुई है. हमारी बातचीत गर्मजोशी भरी, स्पष्ट और आशावादी रही.
हमने एक दूसरे की चिंताओं और वरीयताओं को समझा. हमने अपने बढते संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की.’ अधिकारियों ने बताया कि शिष्टमंडल स्तर की वार्ता में दोनों देश सुरक्षा से जुडे मुद्दों में सहयोग बढाने को राजी हुए. हसीना ने अपनी टिप्पणी में कहा कि 54 साझा नदियों का जल बंटवारा करने का विषय बैठक में उठा.