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नेस्ले का बडा बयान : जिस मैगी नूडल को यूपी सरकार ने एमएसजी युक्त बताया, उस पर नो एडड एमएसजी का लेबल लगा था

नयी दिल्ली : परेशानियों में बुरी तरह उलझ गयी मेगी नूडल्स निर्माता कंपनी नेस्ले ने मीडिया व आमजनों के बीच से उठ रहे सवाल पर बिंदुवार अपना पक्ष अपनी वेबसाइट पर रखा है और इसे ट्विटर व अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से वह प्रचारित कर रही है. नेस्ले ने कहा है कि उसके जिस […]

नयी दिल्ली : परेशानियों में बुरी तरह उलझ गयी मेगी नूडल्स निर्माता कंपनी नेस्ले ने मीडिया व आमजनों के बीच से उठ रहे सवाल पर बिंदुवार अपना पक्ष अपनी वेबसाइट पर रखा है और इसे ट्विटर व अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से वह प्रचारित कर रही है. नेस्ले ने कहा है कि उसके जिस मैगी को उत्तरप्रदेश सरकार के अधिकारियों ने लेड व एमएसजी मिश्रित बताया, उस पर नो एडेड एमएसजी को लेबल लगा था. कंपनी के इस दावे से यह सवाल उठ खडा हुआ है कि इस पूरे विवाद में आखिर सही कौन है?
कंपनी ने अपनी सफाई में उठने वाले कई सवालों का बिंदुवार उत्तर दिया है. नेस्ले कंपनी ने अपनी विश्वसनीया पर उठे सवाल के मददेनजर अपना फोन नंबर व इमेल एड्रेस सार्वजनिक किया है, जिस पर कोई भी शख्स सवाल पूछ सकता है और कॉल कर भी अपनी जिज्ञासा शांत कर सकता है. अपने शेयरों में आ रही गिरावट के कारण उसने इनवेस्टर के सवालों का जवाब देने का भी फैसला किया है.
मैगी नूडल्स ने पहले इसी सवाल का खुद ब खुद जवाब दिया है कि क्या वह खाने के लिए सुरक्षित है. अपने जवाब में कंपनी ने कहा है कि फूड सेफ्टी नेस्ले कंपनी की पहली प्राथमिकता है. कंपनी ने कहा है कि वह अधिक सतर्कता के साथ अपने उत्पादों का परीक्षण करती है. कंपनी ने कहा है कि वह अपनी प्रयोगशाला में व बाहर की प्रयोगशाला में भी मैगी की जांच कराता है. वह 12.5 करोड पैकेज की जांच करवा चुका है. इस टेस्ट रिजल्ट से साफ है कि भारत सरकार द्वारा तय मानकों सीमा में ही इसमें लेड का लेवल इस खाद्य पदार्थ में है.
कंपनी ने कहा है कि दुनिया भर में उसके 8000 कर्मचारी खाद्य सुरक्षा मानकों पर अपने प्रोडेक्ट को खरा उतारने के लिए काम करते हैं. कंपनी ने कहा है कि भारत में 300 कर्मचारी सिर्फ फूड सेफ्टी मानकों का पालन करने के लिए तैनात हैं. नेस्ले कंपनी ने कहा है कि उसके पास एक उन्नत तकनीक है, जिसके माध्यम से वह त्वरित जांच करती है. कंपनी ने कहा है कि वह अपनी नौ और बाहर की दो लेबोरेटरी में फूड टेस्टिंग कराता है.
कंपनी ने एमएसजी व ग्लूटमेट में अंतर भी बताया है. कंपनी ने कहा है कि अमीनो ऐसिड ए ग्लूटमेट दूध, मछली, मीट व कई प्रकार की सब्जियों में पाया जाता है. जबकि एमएसजी का आविष्कार एक जापानी साइंटिस्ट ने किया था, जिसका खाद्य पदार्थ में उपयोग होता है. कंपनी ने अमेरिकी शोध के हवाले से बताया है कि खाद्य पदार्थों के एक सीमित मात्रा में सुरक्षित रसायन है. कंपनी ने कहा है कि खाद्य पदार्थ में एमएसजी 20 से 40 प्रतिशत तक सोडियम के उपयोग को कम कर देता है. कंपनी ने कहा है कि मैगी नूडल्स में 0.2 ग्राम ग्लूटमेट का प्रयोग प्रति 100 ग्राम मात्रा में होता है.
इसी तरह कंपनी ने अपने खाद्य पदार्थ में लेड की मात्रा मिलने पर भी सफाई दी है. नेस्ले कंपनी ने कहा है कि आज लेड धरती व हवा हर जगह है. उर्वरकों के उपयोग के कारण यह खाद्यान्न में भी आ जाता है और हमलोग अपने कच्चे पदार्थ में इसकी मात्रा की जांच करते हैं कि यह तय मात्रा से कम हो. कंपनी ने कहा ळ ेकि हम फूड सेफ्टी के लिए किसानों, आपूर्तिकर्ता व संबंधी ऑथोरिटी के साथ मिल कर भी काम कर रहे हैं.

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