निरीक्षण के उपरांत डीसीएलआर ने बताया कि प्रखंड के गचिया बसबिटटा, ताहिरपुर गौरा, सिज्झत बलियास, सैनचक, कुरमा, बटसार, खडौंधा जोठा, लौंगाय व जयपुर पैक्स का निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन किया गया़ उन्होंने बताया कि एसएफसी को धान देने के बाद जो अवशेष मात्र पैक्सों के पास है वह भौतिक रूप से नियत स्थल पर है या नहीं, इसकी जांच की गयी़ जांच का उदेश्य खरीद किये गये धान का शीघ्र उठाव कराना है़.
डीसीएलआर ने बताया कि अधिकांश जगह निजी मकान व गोदाम में धान रखा गया है़ सैनचक व ताहिरपुर गौरा में बड़ी मात्र में धान रखा पाया गया़ सभी जगह किसानों द्वारा धान के बदले बैंक द्वारा राशि प्राप्त नहीं होने की बात कही गयी़ डीसीएलआर ने बताया कि स्थल पर बारिश व चूहे के प्रकोप के कारण बरबाद हो रहे धान को शीघ्र खरीद केंद्र पर पहुंचाने का निर्देश दिया गया है़ उन्होंने बताया कि वे इसकी रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे.