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सैराती जमीन पर अवैध निर्माण करनेवालों पर होगी कार्रवाई

एसडीएम ने की अवैध कब्जाधारियों की सूची तलब बगह/हरिनगर : अनुमंडल के विभिन्न अंचलों में सैरात एवं सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण तथा अतिक्रमण के मामले को एसडीएम मो. मंजूर आलम ने गंभीरता के साथ लिया है. सभी अंचल के सीओ को एक सप्ताह के अंदर अवैध निर्माण करने वालों की सूची समर्पित करने का […]

एसडीएम ने की अवैध कब्जाधारियों की सूची तलब
बगह/हरिनगर : अनुमंडल के विभिन्न अंचलों में सैरात एवं सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण तथा अतिक्रमण के मामले को एसडीएम मो. मंजूर आलम ने गंभीरता के साथ लिया है. सभी अंचल के सीओ को एक सप्ताह के अंदर अवैध निर्माण करने वालों की सूची समर्पित करने का आदेश दिया है.
साथ हीं सरकारी भवनों का अतिक्रमण कर रहने वाले लोगों से भवन खाली कराने की दिशा में भी कार्रवाई की रणनीति बन रही है. उल्लेखनीय है कि नगर पंचायत रामनगर में सैरात की भूमि पर अवैध निर्माण के मामले को एसडीएम ने काफी गंभीरता से लिया है और पूरे मामले में विस्तृत जांच प्रतिवेदन तलब की है. एसडीएम मो मंजूर आलम ने बताया कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान चला कर कार्रवाई की जायेगी.
अनुमंडल के सभी अंचलों में सीओ को निर्देश दिया गया है कि सरकारी भूमि और भवन पर अवैध कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारियों को चिह्न्ति कर उसकी सूची समर्पित करें . ताकि सरकारी भूमि से अवैध कब्जे को हटाया जाये और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. उल्लेखनीय है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा का सर्वाधिक मामला रामनगर में है.
रामनगर शहर में अवस्थित मसान कॉलोनी पूरी तरह से अतिक्रमण के गिरफ्त में हैं. इसी तरह सिंचाई विभाग के दोन एवं त्रिवेणी नहर के कॉलोनियों में भी अवैध कब्जा है. हालांकि संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं कर्मियों की मिली भगत से अवैध कब्जा का यह खेल चल रहा है.
क्या है पूरा मामला
नगर के न्यू मार्केट में अवस्थित सैरात की भूमि में सैकड़ों दुकानें हैं. पहले इन दुकानों का लीज हुआ था. दुकानदारों से किराया की राशि की वसूली होती थी. लेकिन बाद में मामला न्यायालय में चला गया. न्यायालय ने उक्त भूमि पर यथास्थिति बहाल करने का आदेश पारित कर दिया. न्यायालय के आदेश से लगे यथास्थिति के बावजूद दर्जनों दुकानें बन गयीं. दुकानदारों ने प्रशासन के अधिकारियों को मैनेज कर अवैध निर्माण करा लिया.
कुछ इसी तरह का खेल न्यू मार्केट के पांच दुकानदारों ने बीते वर्ष खेला था. मैनेज कर निर्माण कार्य आरंभ करा दिये थे.
लेकिन मैनेज के खेल में एक पक्ष अछूता रह गया था. इस वजह से निर्माण कार्य आरंभ होने के साथ हीं स्थानीय स्तर पर शिकायतें होने लगी थी और निर्माण कार्य रूक गया था. फिलवक्त निर्माण कार्य फिर से आरंभ हो गया है. इतना हीं नहीं , कई अन्य दुकानदारों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है.
मसान कॉलोनी में किन्नरों का डेरा
पहले तो मसान कॉलोनी में कर्मचारी रहते थे. उसके बाद उस परिसर में दुकानदार रहने लगे. एक दौर आया , जब इस परिसर में जनप्रतिनिधियों का डेरा जमता था.
फिलवक्त इस परिसर में सर्वहारा समुदाय के लोग रहते हैं. कहीं एक स्वयंसेवी संस्था का बोर्ड लगा कर मसान कॉलोनी के भवन का कब्जा किया गया है तो कहीं बस कंपनी के मालिक ने अपनी ठाट-बाट दिखा कर तीन – चार फ्लैट पर कब्जा जमा लिया है.
खाली पड़ी परिसर की भूमि को अस्थायी बस पड़ाव भी बना डाला है. स्थानीय अधिकारियों को इस एवज में प्रति माह नजराना भेंट किया जाता है. नागरिक प्रमोद प्रसाद, मनोज साह, चंद्रिका सिंह, गोपाल प्रसाद, केशव मिश्र आदि ने इस आशय का एक आवेदन एसडीएम को भेजा है.
जिसमें मसान कॉलोनी के एक कमरे पर किन्नरों का कब्जा होने का खुलासा है. साथ हीं बीते दिनों एक शीशम के पेड़ काटे जाने एवं उस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लेकर नवागत सीओ के द्वारा छोड़ दिये जाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है.

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