शेखपुरा : जिले में मिट्टी जांच के बाद कृषकों को स्वायल हेल्थ कार्ड दिया जायेगा. इसके लिए जिले में युद्ध स्तर पर मिट्टी जांच का अभियान चलाया जा रहा है. विभाग ने इस अभियान को प्रथम फेज के लिए तीन हजार प्लांटों के मिट्टी जांच का लक्ष्य रखा है. जो अगले दस दिनों में बारिश होने तक पूरा कर लेना है.
इस कार्य के लिए प्रत्येक पंचायतों में ढ़ाई हेक्टेयर की परिधि के अंतराज पर मिट्टी जांच के लिए प्लांटों का चयन करने का पैमाना तय कर दिया गया. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की सफलता को लेकर फिलहाल कृषि विभाग में तैनात कृषि समन्वयक को जिम्मा दिया गया है. प्रचंड गरमी के बीच जिले में तैनात 18 कृषि समन्वयक सुबह पांच बजे से लेकर 11 बजे तक खेतों से मिट्टी का नमूना लेने और प्लांट से ही कृषकों का ऑनलाइन पंजीयन करने का कार्य किया जा रहा है.
क्या है लाभ : मिट्टी जांच योजना के बाद कृषकों को विभाग स्वायल हेल्थ कार्ड के जरिये यह जानकारी देगी कि उनके मिट्टी में उर्वरा शक्ति में किस तत्व की मात्र अधिक या कम है. इसके साथ ही प्लांट में किसानों के द्वारा कौन सा फसल लगाने से ज्यादा बेहतर फसल का उत्पादन हो सकेगा.
परेशानी और जरूरी पहल :
जिले में स्वायल हेल्थ कार्ड के जरिये मिट्टी की उर्वरा शक्ति में गुणात्मक इजाफा के लिए सरकार ने जो कदम उठाये हैं उसमें किसान रुचि नहीं दिखा रहे हैं. शेखपुरा प्रखंड के पैन गांव में मिट्टी जांच कर रहे कृषि समन्वयक ने बताया कि प्लांट में मिट्टी नमूना संकलन किया जाता है.
इसके साथ ही विभाग द्वारा उपलब्ध मोबाइल के विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्लांट पर कृषक का नाम, खाता एवं खेसरा का विवरण देकर ऑनलाइन कृषकों का निबंधन किया जाना है. परंतु अधिकांश कृषकों में जागरूकता की कमी से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
क्या कहते हैं ग्रामीण : पैन गांव के कृषक राजनंदन सिंह ने बताया कि इसके पूर्व भी मिट्टी जांच का सैंपल जमा कराया था, परंतु आज तक विभाग के द्वारा कोई सूचना नहीं दिया गया. आज तक भगवान भरोसे ही खेती का काम कर रहे हैं. जिसके कारण कृषि कार्यो में काफी मुनाफा नहीं हो पाता है.