पटना: जनता परिवार के विलय को लेकर जारी गतिरोध एवं इस संबंध में कुछ नेताओं के विलय को वस्तुत: खारिज कर दिए जाने के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि इसको लेकर किसी भी तरफ से कोई आखिरी शब्द नहीं है. जदयू-राजद के बीच चुनावी गठबंधन को लेकर जारी अटकलों के बीच उन्होंने कहा कि बेमौसम पानी सींचते रहिए फल थोड़े ही आयेगा. वहीं, कांग्रेस के साथ तालमेल से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस के साथ निश्चित रुप से तालमेल होगा और इसमें किसी प्रकार का भ्रम नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में जो भी होना होगा, वह उपयुक्त समय पर होगा और सारी बातें उपयुक्त समय पर स्पष्ट हो जायेगी.
जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने जनता परिवार के विलय को लेकर तथा आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू-राजद के बीच गठबंधन को लेकर जारी अटकलों के बारे में कहा, बेमौसम जितना पानी सींचते रहिए फल थोड़े ही आयेगा. जो भी होना है उपयुक्त समय पर सारी बातें स्पष्ट हो जायेंगी. पहले से ही इतनी बातें कहीं जा रही है कि सब लोगों के लिए बोलना उचित नहीं है. मैनें शुरु से प्रयास किया है इसलिए मैं बीच में ही कोई बात नहीं बोलना चाहूंगा. बीच में बोलने से कोई स्थिति बनती है उससे क्या फायदा. जो भी होगा अभी वक्त है और जो परिस्थिति आएगी कोई परिस्थिति उत्पन्न होगी तब उसके बारे सोचा जायेगा. अभी कोई खास परिस्थिति उत्पन्न नहीं हुई है. मैं पहले भी कहा है कि किसी भी तरफ से कोई आखिरी शब्द नहीं है और सभी तरफ से कोशिशें जारी हैं. कोशिशों के नतीजे आने तक सभी का बोलना मुनासिब नहीं है.
राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर प्रश्न खड़ा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि वाणी की स्वतंत्रता है जिनको जितना बोलना है बोलते रहते हैं. बहुत लोग बहुत कुछ बोल रहे हैं. मेरे लिए आवश्यक नहीं है उनकी बातों में और जोड़ा जाएं. एक और व्यक्तव्य देने वाले वह शामिल नहीं होना चाहता है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद से कल हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि जब बातें अंतिम रूप से हो जाएंगी तो बतायेंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि हर पार्टी का अपना कार्यक्रम चलता रहता है. जदयू भी अपना कार्यक्रम तय कर रहा है. तीन माह के बाद फिर पार्टी ने सक्रिय रुप से पार्टी के कार्यक्रमों को चलाने का निर्णय लिया है. सबलोग, सभी पार्टियां अपनी-अपनी बातें कहती हैं, इसमें क्या दिक्कत है. कांग्रेस के साथ तालमेल से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में नीतीश ने कहा कि कांग्रेस के साथ अभी हम लोगों का काफी अच्छा समन्वय है, वे सरकार को समर्थन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब भाजपा के साथ हमारा संबंध टूटा उस समय से ही वे जदयू सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं और पिछले लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में दस विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए उसमें कांग्रेस पार्टी साथ चुनाव लड़ी है और स्वभाविक है कि हम लोग चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी आगे भी साथ मिलकर चुनाव लड़े लेकिन इस बीच में जो जनता परिवार के एका और विलय की बात हुई है तो अभी बाकी लोगों के साथ चुनाव के समय जो तालमेल होना है उसके बारे में कोई विस्तृत चर्चा अभी नहीं हो पायी है लेकिन यह तो पूरे तौर पर स्पष्ट है कि कांग्रेस के साथ निश्चित रुप से तालमेल होगा. इसमें किसी प्रकार का भ्रम नहीं है. नीतीश ने कहा कि जो भी होना होगा, वह उपयुक्त समय पर होगा. सारी बातें उपयुक्त समय पर स्पष्ट हो जायेगी. बीच में कोई बात नहीं बोलना चाहता हूं. अभी कोई खास स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है, सब तरफ से कोशिश जारी है.