VIDEO : गूगल ने डूडल बनाकर किया ”मदर इंडिया” नरगिस को याद
आज बॉलीवुड की महान अदाकारा नरगिस का जन्मदिन है. इस मौके पर गूगल ने भी डुडल बनाकर नरगिस को श्रद्धांजलि अर्पित की है. फिल्म मदर इंडिया का नाम सुनते ही आपके दिमाग में पहला चेहरा किसका आता है. यह फिल्म भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर साबित हुई. नरगिस को इस फिल्म में अभिनय के […]
आज बॉलीवुड की महान अदाकारा नरगिस का जन्मदिन है. इस मौके पर गूगल ने भी डुडल बनाकर नरगिस को श्रद्धांजलि अर्पित की है. फिल्म मदर इंडिया का नाम सुनते ही आपके दिमाग में पहला चेहरा किसका आता है. यह फिल्म भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर साबित हुई. नरगिस को इस फिल्म में अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले.
इस फिल्म को ऑस्कर के लिए भी नोमिनेट किया गया. हालांकि इस फिल्म के अलावा भी नरगिस ने एक से बढ़कर एक फिल्मों में शानदार अभिनय किया है. आइये जानते है महान अदाकारा नरगिस का सफर एक आम लड़की से लेकर बॉलीवुड की शानदार अभिनेत्री और समाज सेवी के रूप में कैसे तय हुआ.
कैसे हुआ नरगिस का फिल्मों में आगमन
नगरिस ने बहुत कम उम्र से ही अभिनय के क्षेत्र में अपना कदम रखा. उन्होंने अपने अभिनय से उसी वक्त अपनी एक अलग पहचान बना ली. वर्ष 1935 में तलाश और हक नाम की फिल्म में नरगिस ने काम किया और बेबी नरगिस के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर ली. अपनी पहली फिल्म में ही उन्होंने ऐसा अभिनय किया कि उनके पास फिल्मों की लाइन लग गयी. 1940 और 50 के दशक में नरगिस को कई बड़ी हिंदी फिल्में मिली. इन फिल्मों में मुख्य रूप से चोरी- चोरी, आवारा, श्री 420, अंदाज और बरसात जैसी फिल्में थी. इन फिल्मों में अभिनय के लिए उन्हें खूब सराहा गया.
आरंभिक जीवन
नरगिस का जन्म 1 जून 1929 को हुआ था. नरगिस की मां जद्दनबाई को शास्त्रीय संगीत का शौक था नरगिस को फिल्मों में काम करने के लिए उनकी मां का सहयोग मिला. नरगिस का वास्तविक नाम फातिमा राशिद था. नरगिस के पिता डॉक्टर थे. उनके परिवार में मां ने उन्हें शास्त्रीय संगीत और नृत्य का शुरूआती प्रशिक्षण दिया.
संघर्ष से भरा जीवन और निधन
नरगिस का जीवन संघर्ष से भरा रहा. फिल्म में एक मुकाम पर पहुंचने के बाद उन्हें अपने करियर में भी उतार चढ़ाव देखने पड़े लेकिन मदर इंडिया से उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवा लिया. इसी फिल्म में उन्हें अपना हमसफर भी मिला. नरगिस और सुनील दत्त के प्यार की कहानी किसी बॉलीवुड स्टोरी से कम नहीं है. फिल्म की शुटिंग के दौरान सेट पर आग लग जाने के बाद सुनील दत्त ने नरगिस की जान बचायी और इस वक्त दोनों ने एक दूसरे को अपना दिल दे दिया. नरगिस ने फिल्मों के अलावा सामाजिक कार्य में भी अपनी एक अलग पहचान बनायी उन्होंने मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए भी काम किया. नरगिस का निधन कैंसर जैसी खतरनाक बिमारी के कारण निधन हो गया.