नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज स्वीडन और बेलारुस की पांच दिन की यात्रा पर रवाना हुए. भारत के किसी राष्ट्राध्यक्ष की इन देशों की यह पहली यात्रा है. इस यात्रा के दौरान अनेक महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. मुखर्जी को यहां राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली और तीनों सेना के अध्यक्षों द्वारा समारोहपूर्ण विदाई दी गयी.
मुखर्जी की स्वीडन की यात्रा उस विवाद की पृष्ठभूमि में हो रही है जो एक स्वीडिश अखबार से की गई उनकी कथित टिप्पणी को लेकर उत्पन्न हुई थी. लेकिन विदेश मंत्रालय ने उन अटकलों को पूरी तरह से खारिज किया था कि इस मुद्दे का मुखर्जी की इस यात्रा पर प्रतिकूल प्रभाव पड सकता है.
स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम पहुंचने के बाद राष्ट्रपति वहां के महाराजा और महारानी से मुलाकात करने के साथ साथ प्रधानमंत्री स्टीफन लिवेन, विपक्षी नेता अन्ना कोर्नबर्ग बेट्रे और साथ ही स्वीडिश संसद के अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे. स्वीडन की तीन दिन की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति यूरोप के प्रसिद्ध एवं प्राचीनतम विश्वविद्यालय को भी देखने जायेंगे, जिसकी स्थापना 1471 में हुई है.
राष्ट्रपति भारतीय समुदाय के सदस्यों और आतिथ्य उद्योग एवं आईटी सेक्टर में काम करने वाले भारतीय पासपोर्ट धारकों से भी बात करेंगे. वहां करीब 18 हजार भारतीय प्रवासी एवं भारतीय मूल के लोग रहते हैं. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करने वाला स्वीडन तीसरा सबसे बडा योगदानकर्ता देश है. यह चीन और जापान के बाद तीसरा सबसे बडा व्यापारिक साझेदार भी है.
राष्ट्रपति के साथ रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री हंस राज अहीर, राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और भाजपा सांसद अश्विनी कुमार के अलावा सात विश्वविद्यालयों के कुलपति और प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालयों के निदेशक और 60 व्यापारिक प्रमुख भी होंगे. दो जून से शुरु हो रही बेलारुस की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर सरना ने कहा कि राष्ट्रपति अपने समकक्ष एलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ संयुक्त रुप से एक व्यवसायिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे. वह महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे.
राष्ट्रपति स्वीडन में एक स्मार्ट सिटी भी देखने जायेंगे जहां उन्हें उसके कामकाज और निकाय प्रशासन के विभिन्न पहलूओं के बारे में जानकारी दी जायेगी. विदेश मंत्रालय के सचिव ने बताया कि मुखर्जी की यात्रा के दौरान सरकार के स्तर पर और साथ ही शैक्षणिक संस्थान एवं कारोबार के स्तर पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रणब मुखर्जी दो जून को बेलारुस की यात्रा करेंगे. राष्ट्रपति अपने समकक्ष एलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ संयुक्त रुप से एक व्यवसायिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे. वह महात्मा गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे.