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5वीं बार FIFA अध्यक्ष बनने के बाद सैप ब्लाटर ने की अमेरिका और यूरोप की आलोचना

ज्यूरिख : भ्रष्टाचार के आरोप में फीफा के अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद प्रमुख सैप ब्लाटर पर भी चुनाव नहीं लड़ने का दबाव बनाया गया था, लेकिन वे अपने निर्णय पर अडिग रहे और पांचवी बार इस संगठन के अध्यक्ष चुने गये हैं.फीफा अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद सैप ब्लाटर ने कहा कि […]

ज्यूरिख : भ्रष्टाचार के आरोप में फीफा के अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद प्रमुख सैप ब्लाटर पर भी चुनाव नहीं लड़ने का दबाव बनाया गया था, लेकिन वे अपने निर्णय पर अडिग रहे और पांचवी बार इस संगठन के अध्यक्ष चुने गये हैं.फीफा अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद सैप ब्लाटर ने कहा कि अमेरिका की न्यायपालिका ने जिस तरह फुटबाल की वैश्विक संस्था को निशाना बनाया उससे वह स्तब्ध थे. इसके अलावा उन्होंने यूरोपीय फुटबाल अधिकारियों के नफरत के अभियान की भी आलोचना की.

ब्लाटर ने कल दूसरे दौर के मतदान से पहले अपने प्रतिद्वंद्वी प्रिंस अली बिन अल हुसैन के दौड़ से हटने के बाद पांचवें कार्यकाल के लिए फीफा अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था.स्विस टेलीविजन को दिये साक्षात्कार में ब्लाटर ने कहा कि उन्हें संदेह है कि बुधवार को अमेरिकी भ्रष्टाचार रोधी वारंट के अंतर्गत फीफा अधिकारियों की गिरफ्तारी कांग्रेस में हस्तक्षेप का प्रयास था. शुक्रवार को फीफा कांग्रेस में ब्लाटर को नये कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुना गया.
चुनाव से दो दिन पहले हुई गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्लाटर ने आरटीएस से कहा, मैं सुनिश्चित नहीं हूं लेकिन इससे कुछ गलत की बू आ रही है. उन्होंने इसके साथ ही अमेरिकी अटार्नी जनरल लोरेटा लिंच सहित अमेरिकी न्यायपालिका की फीफा पर की गयी टिप्पणी की भी निंदा की.ब्लाटर ने कहा, बेशक, मैं स्तब्ध हूं. जो हुआ उसे लेकर मैं जब तक सुनिश्चित नहीं हूं तब तक फीफा अध्यक्ष के रूप में मैं कभी किसी अन्य संगठन पर टिप्पणी नहीं करूंगा. लोरेटा ने कहा था कि फुटबाल में भ्रष्टाचार विदेशों में और यहां अमेरिका में अनियंत्रित है और अपनी जड़ें जमा चुका है.
ब्लाटर ने कहा कि अमेरिका 2022 विश्व कप की मेजबानी दौड़ में कतर से हार गया था जबकि एक अन्य धुर आलोचक इंग्लैंड 2018 विश्व की मेजबानी की दौड़ में रुस से पिछड़ गया था. ब्लाटर ने साथ ही कहा कि अमेरिका जोर्डन का नंबर एक प्रायोजक है जहां से फीफा अध्यक्ष पद के उनके प्रतिद्वंद्वी प्रिंस अली ताल्लुक रखते हैं.
फीफा अध्यक्ष ने साथ ही यूएफा अध्यक्ष माइकल प्लातीनी पर भी निशाना साधा जिन्होंने भ्रष्टाचार प्रकरण में उनके इस्तीफे की मांग की थी.ब्लाटर ने कहा, यह नफरत यूएफा में एक व्यक्ति से नहीं आती, एक यूएफा संगठन से आती है जो यह नहीं समझ पा रहा है कि मैं 1998 में अध्यक्ष बन गया था. यह पूछने पर कि क्या वह प्लातीनी को माफ कर देंगे, ब्लाटर ने कहा, मैं सभी को माफ कर दूंगा लेकिन मैं भूलूंगा नहीं. इससे पहले ब्लाटर ने फीफा अधिकारियों पर हुई कार्रवाई के संदर्भ में कांग्रेस में कहा था कि सात लोगों की गिरफ्तारी ने तूफान ला दिया है और अब कांग्रेस को अहम फैसले करने होंगे.
उन्होंने कहा, मैं टीम भावना, एकजुटता की अपील करता हूं जिससे कि हम एक साथ आगे बढ़ सकें. शायद यह आसान नहीं हो लेकिन आज हम यहां इसके लिए ही एकत्रित हुए हैं. ब्लाटर ने अपना बचाव करते हुए कहा कि वह अकेले पूरे फुटबाल की ह्यनिगरानीह्ण नहीं कर सकते और घोटालों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.उन्होंने क्षेत्रीय महासंघों और राष्ट्रीय संघों से बडी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, दोषी वे अधिकारी हैं, पूरा संगठन नहीं.
इससे पहले प्रिंस अली ने पहले दौर के मतदान में ब्लाटर को जरुरी बहुमत हासिल करने से रोक दिया था लेकिन वह इसके बाद मैदान में टिक नहीं सके. इस्तीफे की मांग के बीच हुए इस चुनाव को जीतने के बाद ब्लाटर ने खुशी में अपने दोनों हाथ हवा में उठाए और फीफा कांग्रेस को वादा किया कि वह ऐसे कमांडर साबित होंगे जो ह्यफीफा की इस नाव का मार्गदर्शन करते हुएह्ण उसे भ्रष्टाचार के भंवर से निकालेंगे जिसमें संस्था फंस गई है.
इस बीच 79 बरस के ब्लाटर ने साथ ही संकेत दिये कि वह एक बार फिर अध्यक्ष पद के लिए चुनौती पेश नहीं करेंगे और चार साल में मजबूत फीफा को अपने उत्तराधिकारी को सौंपेंगे.ब्लाटर पहले दौर में दो तिहाई बहुमत हासिल करने से सात वोट से पीछे रह गए. उन्हें पहले दौर में 133 जबकि प्रिंस अली को 73 वोट मिले.
यूरोप के 53 में से अधिकांश वोट प्रिंस अली के पक्ष में गए जबकि उन्हें अमेरिका और आस्ट्रेलिया का समर्थन भी मिला. लेकिन ब्लाटर ने अफ्रीका और एशिया में मजबूत समर्थन हासिल करते हुए एक और कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद अपने नाम किया.
बुधवार को फीफा के ज्यूरिख होटल से गिरफ्तारी और फीफा मुख्यालय पर स्विस पुलिस के छापे के बाद ब्लाटर ने अंतिम कुछ दिन और घंटे अपने समर्थकों को यह आश्वस्त करते हुए बिताए कि वह अब भी फीफा को चलाने में सक्षम हैं.
ब्लाटर ने इसके अलावा चुनाव के समय से पहले गिरफ्तारियों पर सवाल भी उठाए. उन्होंने कहा, लोग कहते हैं कि यह सिर्फ संयोग है लेकिन मेरा नजर में सवालिया निशान है.

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