— राम कथा प्रसंग में बोले अरविंद जी महाराज — हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित राम कथा का हुआ समापन सीतामढ़ी : शहर स्थित दक्षिण मुखी सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर में गत 19 मई से आयोजित राम कथा यात्रा का समापन 27 मई को हो गया. इस दौरान दिल्ली से आये सुप्रसिद्ध मानस कथा मर्मज्ञ श्री अरविंद जी महाराज ने राम विवाह की कथा का सरस वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. बताया, जब राजा दशरथ बरात लेकर जनकपुर आये तो सभी देवता अपना-अपना रूप बदल कर बरात में शामिल हो गये और जब जनकपुर पहुंचे तो वहां के सौंदर्य को देख कर चकित रह गये. सृष्टि कर्ता ब्रह्मा इस सोच में पड़ गये कि जब उनके द्वारा ऐसी रचना किया नहीं गया तो यह हुआ कैसे? भांवर में धान के लावा देने के प्रसंग पर महाराज जी ने बताया कि पूरे देश में प्रचलित इस प्रथा का रहस्य यही है कि धान अपने जन्म स्थान पर पल्लवित- पुष्पित नहीं होते बल्कि धान को भी जहां रोपा जाता है वहां से उखाड़ कर अन्यत्र रोपने पर उसमें धान उगता है. उसी प्रकार कन्या अपने जन्म स्थान में नहीं फलती, इसके लिए उसे ससुराल ही जाना पड़ता है. मौके पर कैलाश किशोर शर्मा, पशुपति शर्मा, रजनीकांत झा, तेजपाल शमा व दीपक शर्मा समेत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे.
जनकपुर का सौंदर्य देख चकित हो गये थे ब्रह्मा
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