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2020-30 में 14 प्रतिशत सालाना बढेगा भारत की ओर से चीन का निर्यात : एचएबीसी

नयी दिल्ली : भारत से चीन का निर्यात 2020-30 के दशक में करीब 14 प्रतिशत सालाना की गति से बढने की उम्मीद है जो किसी भी अन्य देश को निर्यात के मुकाबले अधिक होगा. यह बात एचएसबीसी व्यापार अनुमान रपट में कही गई. रपट में कहा गया कि सिर्फ इतना ही नहीं उक्त अवधि में […]

नयी दिल्ली : भारत से चीन का निर्यात 2020-30 के दशक में करीब 14 प्रतिशत सालाना की गति से बढने की उम्मीद है जो किसी भी अन्य देश को निर्यात के मुकाबले अधिक होगा. यह बात एचएसबीसी व्यापार अनुमान रपट में कही गई. रपट में कहा गया कि सिर्फ इतना ही नहीं उक्त अवधि में ब्राजील समेत नये बाजारों में निर्यात भी 10 प्रतिशत सालाना की दर से बढेगा. एचएसबीसी की रपट में कहा गया ‘निकट भविष्य में भारत का परिदृश्य सकारात्मक है और अन्य देशों (उपभरते और विकसित दोनों किस्म के बाजारों) के मुकाबले अपेक्षाकृत श्रम लागत कम रहने के कारण भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी रहेगा.’

रपट में कहा गया कि तेल का बडा आयातक होने के कारण भारत को वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में नरमी से फायदा हुआ है और इसका सकारात्मक असर आने वाले दिनों में बरकार रहने का अनुमान है. एचएसबीसी इंडिया के प्रबंध निदेशक और प्रमुख (वाणिज्यिक बैंकिंग) संदीप उप्पल ने कहा ‘भारत के लिए आर्थिक संभावना मजबूत है और बढती आबादी तथा मध्यम वर्ग के तेजी से विस्तार के साथ कारोबार के लिए यह बडा मौका है.’

एचएसबीसी के मुताबिक 2015 में भारत का चालू खाते का घाटा कम हो कर सकल घरेलू उत्पाद के 0.6 प्रतिशत के बराबर रहने की उम्मीद है जो 2014 में 1.1 प्रतिशत था. साथ ही खुदरा मुद्रास्फीति इस साल छह प्रतिशत से कम रहने की संभावना है. आरबीआइ ने मुख्य दर घटानी शुरू की हैं और जनवरी से अब तक इसमें 0.5 प्रतिशत की कटौती की है.

एचएसबीसी ने कहा ‘इन सकारात्मक गतिविधियों को अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2014 में दर्ज 7.4 प्रतिशत से 2015 में बढकर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी और 2016 में 8.3 प्रतिशत हो जाएगी.’ रपट में हालांकि कहा गया कि सुधार पर प्रगति हालांकि धीमी रही. विश्व बैंक की ‘कारोबार सुगमता’ पर जारी रपट में विदेश व्यापार के लिहाज से भारत 189 देशों में 126वें स्थान पर है जबकि कारोबार सुगमता के लिहाज से 142वें स्थान पर.

रपट के मुताबिक 2030 के दशक में परिवहन उपकरण जैस विकसित क्षेत्र निर्यात के लिए शीर्ष योगदानकर्ता बनकर उभरने वाले हैं. अन्य क्षेत्र जिन्हें महत्व मिलेगा उनमें औद्योगिक मशीनरी और फार्मा शामिल है. उप्पल ने कहा ‘सरकार के भारत में विनिर्माण पर जोर देने से परिवहन उपकरण जैसे मूल्यवर्द्धित उपकरणों के निर्यात, औद्योगिक मशीनरी और फार्मा के वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है.’

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