साहिबगंज: जिले में मात्र अब 300.67 वर्ग किलोमीटर में ही जंगल-झाड़ बचे हैं. वनों का क्षेत्रफल 127.82 वर्ग किलोमीटर है. लेकिन जो सीमांकन किया गया उसमें वनों का क्षेत्रफल 172.85 वर्ग किलोमीटर दिखाया गया है. वनों को बचाने के लिए वन विभाग की ओर से आदिम पहाडि़या जाति के लोगों के बीच वन सुरक्षा समिति बनायी जायेगी.
उन्हें लगाये जाने वाले वृक्षों की रक्षा का दायित्व सौंपा जायेगा. वन विभाग ने जिले में अब तक 53 सुरक्षा समितियों का गठन कर लिया है. जिनको जंगल बचाने तथा केंदु पत्ता, महुआ, आम व साल के पत्तों जैसे वनोपज को आजीविका के लिए जमा करने का अधिकार दिया गया है. वनों की अवैध कटाई रोकने और उन्हें दंडित करने के लिए वन विभाग की ओर से वन रक्षी वनपाल को जंगली क्षेत्रों में लगाया गया है. साथ ही चेक पोस्ट बना कर अवैध कटाई करने वालों को पकड़ कर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
क्या कहते हैं अधिकारी साहिबगंज जिले में 92 किलोमीटर में पथ तट वृक्षारोपण, 2000 हेक्टेयर पहाड़ों को हरा-भरा करने की योजना, पहाड़ों पर 30 चेक डैम निर्माण की योजना बनायी गयी है. इससे पहले भी वर्ष 2009-10 में 711 हेक्टेयर वन भूमि एवं रैयती जमीन पर वृक्षारोपण करने की योजना है. जिले के आदिम जन जातियों को जंगल की रक्षा के लिए जागरूक किया जा रहा है. ताकि वे अपने जंगलों का लाभ खुद उठा सके और जंगल भी बचाया जा सके. सुशील सोरेन, वन प्रमंडल पदाधिकारी, साहिबगंज