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खेल की सर्वोच्च संचालन संस्था FIFA में भ्रष्‍टाचार के आरोप में उपाध्‍यक्ष सहित तीन गिरफ्तार

वाशिंगटन : षडयंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप में फुटबॉल की वैश्विक संस्था के सात अधिकारियों को ज्यूरिख में गिरफ्तार किया गया जिसमें एक फीफा उपाध्यक्ष भी शामिल है. स्विस अधिकारियों के अनुसार फीफा की वार्षिक कांग्रेस से मात्र एक दिन पूर्व इन अधिकारियों को करोड़ों डालर की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया. अमेरिका […]

वाशिंगटन : षडयंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप में फुटबॉल की वैश्विक संस्था के सात अधिकारियों को ज्यूरिख में गिरफ्तार किया गया जिसमें एक फीफा उपाध्यक्ष भी शामिल है. स्विस अधिकारियों के अनुसार फीफा की वार्षिक कांग्रेस से मात्र एक दिन पूर्व इन अधिकारियों को करोड़ों डालर की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया.

अमेरिका के आग्रह पर आज सुबह जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया उनमें जैफ्री वेब, एडवर्डो ली, जूलियो रोचा, कोस्टास तकास, युगेनियो फिगुएरेडो, राफेल एसक्विवेल और जोस मारिया मारिन शामिल हैं. अमेरिका और स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने ज्यूरिख में गिरफ्तारी की पुष्टि की है जिससे खेल की सर्वोच्च संचालन संस्था के फैसले लेने की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लग गया है.

इसके अलावा फीफा के मुख्यालय पर भ्रष्टाचार से संबंधित मामले में छापे भी मारे गए. फीफा अध्यक्ष के नये कार्यकाल के चुनाव से दो दिन पहले यह कार्रवाई हुई. सेप ब्लाटर इन चुनावों में पांचवें कार्यकाल के लिए चुनौती पेश करेंगे. फीफा के आला अधिकारियों की यह गिरफ्तारियां ज्यूरिख के लग्जरी होटल से हुई. ये सभी इस होटल में कल से शुरु हो रही बैठक की तैयारी कर रहे थे. इन सभी को अब रिश्वत में 10 करोड़ डालर से अधिक लेने के आरोप में निर्वासित करके अमेरिका भेजा जा सकता है.

उधर वाशिंगटन में षड्यंत्र और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के बाद अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने 14 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप लगाए हैं जिसमें नौ फुटबाल अधिकारी भी शामिल हैं. दूसरी तरफ एक अलग मामले में स्विट्जरलैंड की पुलिस ने 2018 विश्व कप की मेजबानी के अधिकार रुस और 2022 के टूर्नामेंट के अधिकार कतर को दिए जाने से संबंधित जांच के संदर्भ में फीफा मुख्यालय से फाइलें और ईमेल जब्त दिए.

वर्ष 2010 में इन टूर्नामेंटों को लेकर फीफा में हुए मतदान के दौरान बडे पैमाने पर धोखाधड़ी के आरोप लगे थे. एक प्रवक्ता ने हालांकि आज कहा कि आयोजन स्थलों को बदले जाने का सवाल ही नहीं उठता. फीफा प्रवक्ता वाल्टर डि ग्रेगोरियो ने कहा कि ब्लाटर जांच में शामिल नहीं हैं और अध्यक्ष पद का चुनाव पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को ही होगा.

ग्रेगोरियो ने संवाददाताओं से कहा, समय अच्छा नहीं है. फीफा इस कार्रवाई का स्वागत करती है जिसका मकसद फुटबाल से किसी भी गलत चीज को खत्म करना है. इस बीच ब्लाटर को पांचवां कार्यकाल हासिल करने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. लेकिन इस घटना के बाद उनके पक्ष में वोट करने वालों की संख्या में कुछ गिरावट आ सकती है.

अध्यक्ष पद के लिए ब्लाटर के एकमात्र विरोधी प्रिंस अली बिन अल हुसैन ने इस बीच इन गिरफ्तारियों को फुटबॉल के लिए दुखद दिन करार दिया है. प्रिंस अली फीफा उपाध्यक्ष भी हैं. प्रिंस अली और यूरोपीय महासंघों के प्रमुखों ने कहा है कि फीफा की छवि को बचाने के लिए तुरंत नेतृत्व में बदलाव की जरुरत है. वाशिंगटन की अदालत में जिन फुटबाल अधिकारियों पर धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं उनमें महाद्वीपीय परिसंघ सीओएनसीएसीएएफ के मौजूदा और पूर्व अध्यक्ष जैफ्रे वेब और जैक वार्नर भी शामिल हैं.

इसके अलावा जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें खेल मार्केटिंग अधिकारी भी शामिल हैं जिन पर आरोप है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंटों के लुभावने मीडिया और मार्केंटिंग अधिकार हासिल करने के लिए रिश्वत में या तो व्यवस्थित तरीके से 15 करोड़ डालर से अधिक दिए या देने को राजी हुए.

इस बीच अमेरिकी सीनेटर जान मैकेन और राबर्ट मेनेनडेज ने फीफा को पत्र लिखकर उक्रेन में कथित आक्रामक कार्रवाई के कारण रुस से 2018 विश्व कप की मेजबानी का अधिकार छीनने को कहा है. सीनेटर साथ ही चाहते हैं कि विश्व कप की मेजबानी में रुस के लगातार समर्थन को देखते हुए फुटबॉल की वैश्विक संस्था के अध्यक्ष पद पर पांचवें कार्यकाल के लिए ब्लाटर की कोशिश को समर्थन देने पर भी फीफा पुनर्विचार करे. साथ ही मास्को को दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में से एक की मेजबानी के सम्मान से वंचित किया जाए.

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