जम्मू : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ‘जन कल्याण पर्व’ के तहत जम्मू में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे. यहां उन्होंने पूर्व कांग्रेस सरकार पर करारा हमला किया. राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने रक्षा सौदों पर फैसला करने में बरसों का समय लगाया जबकि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले एक साल में 40 रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी. कांग्रेस सरकार नीतिगत पंगुता की शिकार थी. हमारी सरकार नीति निर्माण में पारदर्शिता लायी है.
उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अगर पड़ोसी मुल्क अपना खुद का कल्याण चाहता है तो उसे अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप बंद करना चाहिए. उसे अपने नापाक इरादों पर भी विराम लगाना चाहिए. हम हर किसी के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. लोकतंत्र में संवाद महत्वपूर्ण है लेकिन हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई भारतीय भूभाग में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए.
वहीं दूसरी ओर राजनाथ सिंह ‘जन कल्याण पर्व’ के तहत जम्मू में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे जहां प्रस्तावित एम्स को जम्मू से कश्मीर स्थानांतरित किये जाने के खिलाफ विरोध को लेकर शहर में एक दिन के बंद का आयोजन किया गया है. आज जम्मू में बाजार बंद हैं. सडकों पर वाहन नहीं चल रहे हैं और केवल कुछ निजी वाहनों को देखा जा सकता है. कार्यालयों में उपस्थिति काफी कम है.
एम्स समन्वय समिति ने आज एक दिन के बंद का आयोजन किया है और संयोग से राजनाथ का जम्मू का कार्यक्रम आज ही हैं. इस समिति में 70 से अधिक सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और कारोबारी संगठन शामिल हैं. समिति के सदस्य शहर में कई स्थानों पर अपने हाथों में बैनर पोस्टर लिये हुए थे और राजनाथ के खिलाफ नारे लगा रहे थे. जम्मू बार एसोसिएशन और जेकेएनपीपी के कार्यकर्ताओं ने डागरा चौक के पास धरना दिया.
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिनव शर्मा ने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि जम्मू के लोगों या जम्मू क्षेत्र के साथ किसी तरह की नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. चाहे एम्स को जम्मू से कश्मीर स्थानांतरित करने का विषय हो या कृत्रिम झील परियोजना का विषय हो. जम्मू के लोग अन्याय का विरोध करेंगे.’’ जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह ने कहा, ‘‘ भाजपा जो कभी अपने आप को जम्मू के लोगों की आवाज के रुप में पेश करती रही, उसने अपनी विचारधारा और रुख को पीडीपी को बेच दिया और वह भी महज कश्मीर स्थित पार्टी के साथ सत्ता में हिस्सेदारी की खातिर. ’’