आसमान उगल रहा आग, 11 से चार बजे तक बाजारों में सन्नाटा
बेगूसराय(नगर) : मौसम के बदलते मिजाज से इन दिनों लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. आसमन से उगल रही आग और कड़ाके की तपिश के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है.पूरे दिन लोग गरमी से त्रस्त दिखाते हैं. नतीजा है कि पिछले एक सप्ताह से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. इस चिलचिलाती धूप व गरमी के कारण सबसे अधिक प्रभावित जिले के व्यवसायी वर्ग के हो रहे हैं. सड़कें भी सुनसान दिखाई पड़ती हैं. इस भीषण गरमी व धूप में पेड़-पौधे भी बेजान बने हुए हैं.
कड़ाके की गरमी में बढ़ी पंखे व कूलर की मांग
इस कड़ाके की गरमी व धूप में इन दिनों बाजारों में पंखे, कूलर व एसी की मांग काफी बढ़ गयी है. बड़ी संख्या में लोग इनवर्टर की भी खरीदारी कर रहे हैं. हालांकि, गांव में रहनेवाले लोगों का कहना है कि बिजली की आंखमिचौनी व लौ वोल्टेज के कारण पंखे व कूलर भी सिर्फ शोभा की वस्तु बने हुए हैं.
शहर की प्रमुख दुकानों में 1100 से लेकर 1800 तक में पंखे मिल रहे हैं. वहीं सात हजार से लेकर 15 हजार तक में कूलर भी बाजारों में मिल रहे हैं. एसी की खरीदारी 25 से लेकर 40 हजार तक में हो रही है. बिजली के लो वोल्टेज के कारण दुकानों में स्टेबलाइजर की भी बिक्री जोरों पर है.
शीतल पानी व पेय पदार्थो की बिक्री जोरों पर
कड़ाके की गरमी व धूप में इन दिनों जगह-जगह प्यास बुझाने के लिए ठंडा पानी के अलावे अन्य पेय पदार्थों की बिक्री जोरों पर हो रही है. लोग लस्सी, तारबूज,जूस,कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम, कुल्फी व अन्य पेय पदाथोर्ं की खरीदारी कर गरमी से निजात पा रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में इस कड़ाके की गरमी में खीरा, तरबूज, पपीता के अलावा दही, पपीता व अन्य चीजों के जरिये अपनी प्यास को बुझा रहे हैं.
कड़ाके की गरमी में दिन के 11 बजे के बाद से लेकर 4 बजे तक बाजारों में सन्नाटा पसर जाता है. शाम में ग्राहकों की भीड़ दुकानों में बढ़ जाती है. इसके बाद लोग पंखे, कूलर व अन्य सामान को खरीद कर घर ले जाते हैं. इस बार की गरमी में व्यवसाय अधिक प्रभावित हो रहा है.
संजय कुमार
अंकुर इलेक्ट्रॉनिक्स : इस गरमी के मौसम में स्कूल बंद हो गयी है. वहीं, दूसरी ओर धूप व गरमी के चलते कम लोग अपने घरों से निकल पाते हैं. जिससे व्यवसाय बाधित हो रहा है. कम बिक्री होने से परिवार के लोग भी चिंतित रहते हैं. इस बार की गरमी आम लोगों के साथ-साथ हम जैसे व्यवसायियों को भी अपनी तपिश से बाधित कर रही है.
रू दल कुमार, पेय पदार्थ विक्रेता
सुबह से ही सूर्यदेव आग उगलने लगते हैं. इसके चलते सड़कों पर वीरानगी छा जाती है. स्वभाविक है जब सड़क पर लोग नहीं दिखाई पड़ेंगे तो खरीदारी कम होगी. इससे हमलोगों का कारोबार बाधित हुआ है.
दिलीप कुमार सिन्हा, फर्निचर व्यवसायी
इस बार की गरमी आम लोगों के साथ-साथ व्यवसायियों को काफी रुला रही है. बहुत ऐसे दुकानदार हैं, जिन्हें किराया भी घर से देना पड़ रहा है. ग्राहकों के कम आने से बिक्री स्वाभाविक है. हालांकि, लगन रहने के कारण देर शाम तक बाजारों में लोगों की चहल-पहल बनी रहती है.
रंजीत दास, कपड़ा व्यवसायी