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अभी तक मुक्त नहीं हुए हैं बच्चे
दुजर्य पासवान गुमला : भाकपा माओवादियों द्वारा 35 बच्चों को उठा कर ले जाने की खबर प्रभात खबर में छपने के बाद मामले का हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इसके बाद गुमला पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की. लेकिन अभी तक बच्चों की बरामदगी नहीं हो सकी है. बिशुनपुर प्रखंड के […]
दुजर्य पासवान
गुमला : भाकपा माओवादियों द्वारा 35 बच्चों को उठा कर ले जाने की खबर प्रभात खबर में छपने के बाद मामले का हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. इसके बाद गुमला पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की. लेकिन अभी तक बच्चों की बरामदगी नहीं हो सकी है.
बिशुनपुर प्रखंड के जिन इलाकों से बच्चों को ले जाया गया है, उन गांवों से नक्सलियों द्वारा और बच्चों के मांगने की सूचना है. हालांकि प्रशासन इस मामले में गंभीर हुआ था. वरीय अधिकारियों ने डीएसइ व डीइओ को निर्देश दिया था कि जो बच्चे स्कूल से 10 से 15 दिन से गायब हैं. उनके परिजनों से मिल कर बच्चे क्यों स्कूल नहीं आ रहे हैं. इस पर जांच करनी थी. वरीय अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद डीएसइ ने सभी स्कूल के एचएम को निर्देश का पालन करने के लिए कहा. लेकिन किसी भी स्कूल द्वारा कोई रिपोर्ट नहीं दिया गया.
इधर अब स्कूल में गरमी की छुट्टी हो गयी है. वहीं दूसरी ओर गुमला, लोहरदगा व लातेहार जिला के 38 गांव जो नक्सलियों के कब्जे में है.
चैनपुर इलाके में नक्सली गतिविधि तेज : चैनपुर प्रखंड के कुछ इलाके में नक्सली गतिविधि तेज हो गयी है. प्रसाद लकड़ा, सिलवेस्टर व अन्य नक्सली कमांडर लगातार इलाके में ग्रामीणों के साथ बैठक कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि नक्सली ग्रामीणों को भरोसा दिलाने में लगे हैं.नक्सलियों की गतिविधि के बारे में पुलिस को भी जानकारी है, लेकिन पुलिस जब निकलती है, तो नक्सली सेफ जोन में छिप जाते हैं. जिसके कारण पुलिस को सफलता नहीं मिल रही है.
पालकोट के गांवों में फिर नक्सली घुसे : पालकोट प्रखंड के जीतियाडांड़, बिलिंगबीरा इलाके में फिर नक्सलियों के घुसने की सूचना है. पांच दिन पहले पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन नेपच्यून चलाया था.
इसके बाद जीतियाडांड़ में खुदी मुंडा व दीपक साहू के दस्ते के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी. पुलिस दबाव के बाद नक्सली क्रूसकेला जंगल में घुस गये थे, लेकिन इधर पुलिस का अभियान थमते ही पुन: नक्सलियों के इलाके में घुसने की सूचना है.
बिशुनपुर के नक्सल प्रभावित गांव : प्रशासन की नजर में बिशुनपुर प्रखंड के 31 गांव नक्सल प्रभावित हैं. जिनमें बानालात, बोरांग, गोबरसेला, निरासी, कटिया, जमटी, टीथी, सालाम नवाटोली, जाहुपकोकोटोली, हेसराग, चिंगरी, अंकुरी, घाघरा, बड़कादोहर, जोरी, रेहलदाग, दरदाग, हाकाजांग, लापू, हापाद, बैठथ, लाबाग, होलेंग, चिपरी, मंजीरा, चापाटोली, रेहे गांव शामिल हैं.
इन गांवों के विकास के लिए प्रशासन ने बनालात एक्शन प्लान शुरू किया है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है. ये सभी 31 गांव घोर नक्सल प्रभावित है और हार्डकोर नक्सली नकुल यादव का क्षेत्र है. अगर इस क्षेत्र का विकास होता है, तो काफी हद तक इस क्षेत्र से नक्सलवाद कम होगा. लोगों को विकास का इंतजार है.
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