बेंगलूरु : कर्नाटक में सत्तारुढ कांग्रेस के कानूनी प्रकोष्ठ ने आज राज्य सरकार को सलाह दी कि वह आय से ज्यादा संपत्ति के मामले से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को बरी करने के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं करे. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति कानूनी एवं मानवाधिकार विभाग ने कहा कि कर्नाटक की भूमिका न्यायिक नहीं बल्कि प्रशासनिक है और जयललिता एवं तीन अन्य को तमाम आरोपों से बरी करने के उच्च न्यायालय के फैसले के संदर्भ में वह मामले में पीडित पक्ष नहीं है.
विभाग के प्रमुख सीएम धनंजय ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से मुलाकात के बाद कहा कि कनार्टक ने सुनवाई बेंगलूरु स्थानांतरित करने के संबंध में स्थानांतरण याचिका मामले में उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल किया था और कहा था कि उसे सुनवाई के नतीजे में कोई दिलचस्पी नहीं है.
धनंजय ने कहा, इसलिए कर्नाटक राज्य की ओर से अपील दायर करने का मतलब मामले के नतीजे में दिलचस्पी दिखाना होगा. उन्होंने कहा कि इसका मतलब हलफनामा से मुकरना होगा और साथ ही अदालत की अवमानना होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस संबंध में कोई उचित निर्णय लेगी.