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हमने हर मैच फाइनल की तरह खेला : रोहित शर्मा

कोलकाता : इंडियन प्रीमियर लीग सीजन आठ का खिताब जीतने के बाद मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि उनकी टीम ने हर मैच को फाइनल की तरह लिया जिससे वह वापसी करके खिताब जीतने में सफल रही.पहले छह मैचों में से पांच में हार झेलनी वाली मुंबई इंडियंस ने अपने जज्बे और […]

कोलकाता : इंडियन प्रीमियर लीग सीजन आठ का खिताब जीतने के बाद मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि उनकी टीम ने हर मैच को फाइनल की तरह लिया जिससे वह वापसी करके खिताब जीतने में सफल रही.पहले छह मैचों में से पांच में हार झेलनी वाली मुंबई इंडियंस ने अपने जज्बे और जुझारुपन का शानदार नमूना पेश किया और अपने आखिरी आठ मैचों में से सात में जीत दर्ज करके लीग चरण में नंबर दो पर रहा.उसने पहले क्वालीफायर में चेन्नई सुपरकिंग्स को हराया.

इसके बाद फाइनल में फिर से उसका मुकाबला चेन्नई से था जिसके खिलाफ उसने आईपीएल के अपने तीनों फाइनल खेले हैं. रोहित शर्मा की टीम ने हालांकि महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई वाली टीम को 41 रन से हराकर दूसरी बार खिताब जीता.रोहित ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ह्यईमानदारी से कहूं तो पासा पलटने जैसा कोई चीज नहीं थी.हम जानते थे कि जब भी हमें हार मिलेगी हम टूर्नामेंट से बाहर हो जायेंगे और हमने प्रत्येक मैच को फाइनल की तरह लिया.

जैसे कि यह हमारा आखिरी मैच हो. उन्होंने दो बार के विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलियाई कप्तान और मुंबई इंडियंस के कोच रिकी पोंटिंग को भी टीम की वापसी का श्रेय दिया और कहा कि पोंटिंग ने उनकी कप्तानी को निखार दिया है. रोहित ने कहा, पोंटिंग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.कप्तानी के मामले में उन्होंने मेरी बहुत मदद की.वह आस्ट्रेलिया के महान कप्तानों में शामिल हैं. उन्होंने अपना अनुभव बांटा.यहां तक कि 2013 में जब हमने खिताब जीता था तब भी वह नहीं खेल रहे थे लेकिन उन्होंने हमें रास्ता दिखाया.

वह टीम का हिस्सा थे.वह हमेशा मदद के लिए मौजूद थे. उन्होंने कहा, असल में मैंने सरल तरीका अपनाया.मैंने अपने मजबूत पक्षों पर गौर किया और मैदान पर खुद पर भरोसा किया.हमने पिछले दो महीनों में जो रणनीति बनायी थी वह आखिर में काम आयी. रोहित ने इसके साथ ही सहयोगी स्टाफ की भी तारीफ की जिसने हर चुनौती का अच्छी तरह से सामना किया.

उन्होंने कहा, ऐसा भी दौर था जबकि हम मैच नहीं जीत रहे थे.कप्तान होने के नाते टीम को एकजुट रखना महत्वपूर्ण था.हम जानते थे कि जब हम अपने बेसिक्स सही कर देंगे तो परिणाम हमारे अनुकूल आने लग जायेंगे.हमारे पास ऐसे खिलाड़ी थे जो अकेले मैच का पासा पलटने में सक्षम हैं. यह टीम प्रयास का मसला था और हमने ऐसा अच्छी तरह से किया. रोहित ने कहा, मेरे पास बहुत अच्छे साथी खिलाड़ी थे.ऐसे खिलाड़ी जो चुनौती का सामना करके अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं. जब भी हम मुश्किल स्थिति में रहे तब खिलाड़ियों ने चुनौती का अच्छी तरह से सामना किया और विरोधी टीम को हावी नहीं होने दिया.टूर्नामेंट जीतने के लिए इसकी जरूरत होती है.

रोहित ने सचिन तेंदुलकर सहित अपने नौ सदस्यीय सहयोगी स्टॉफ की तारीफ करते हुए कहा, सिर्फ 11 खिलाड़ियों ही नहीं पूरी टीम को श्रेय जाता है. सहयोगी स्टॉफ ने अहम भूमिका निभायी.उन्होंने पर्दे के पीछे रहकर काफी प्रयास किये जिसका पता नहीं चलता है. मुंबई के कप्तान ने कहा कि वह फाइनल जैसे बडे मैच में पहले बल्लेबाजी करना चाहते थे और चेन्नई के कप्तान धौनी का पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला स्वागतयोग्य था.

उन्होंने कहा, टॉस गंवाना अच्छा रहा.जब धौनी ने कहा कि वह पहले क्षेत्ररक्षण करना चाहेंगे तो मैं अंदर से थोडा खुश था.यह बड़ा मैच था.आप बड़ा स्कोर खड़ा करके विरोधी टीम पर दबाव बनाना चाहते हो.यही सब कुछ हुआ.बड़े मैच में आप ऐसा करना चाहते हो और यह मेरी प्राथमिकता थी.

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