दिल्ली में भाकपा की 19-20 मई को हुई दो दिवसीय बैठक में बिहार चुनाव पर कई चरणों में बहस चली. बैठक में बिहार से पार्टी के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, जब्बार आलम और राम नरेश पांडेय ने बिहार चुनाव की स्थिति पर पार्टी नेतृत्व को अवगत कराया. भाकपा सचिव सत्यनारायण सिंह ने बताया कि बैठक में पार्टी नेतृत्व ने चुनाव वाम एकता के तहत लड़ने का संकेत दिया है. विधान परिषद चुनाव भी भाकपा वाम एकता के तहत लड़ रही है. वाम एकता बनाये रखने के लिए भाकपा ने विधान परिषद की मधुबनी सीट पर दावेदारी पांच दिन पहले ही छोड़ी है.
भाकपा ने मधुबनी सीट से अनिल सिंह को, जबकि माकपा ने उमेशचंद्र दास को प्रत्याशी बनाया था. वाम दलों की बैठक में भाकपा ने मधुबनी से अपनी दावेदारी वापस ले ली. सिंह ने बताया कि विधान सभा चुनाव भी पार्टी इसी तर्ज पर लड़ेगी. पिछले चुनाव में भाकपा ने 50 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किये थे, हालांकि जीत महज एक ही सीट पर मिली. बक ौल सत्यनारायण सिंह इस बार भाकपा कम-से-कम 60 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेगी. पार्टी ने सभी जिलों से मुद्दे पर संभावित प्रत्याशियों के नाम मांगे हैं. विधानसभा चुनाव को ले कर पार्टी की जुलाई में होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा. 30-31 मई को लखनऊ में होनेवाली नेशनल काउंसिल की बैठक में माले विधानसभा चुनाव को ले कर मंथन करेगी. बैठक में माले के राष्ट्रीय नेता व बिहार के प्रदेश पदाधिकारी इस मुद्दे पर विचार- विमर्श करेंगे. माले ने पिछले चुनाव में 100 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, किंतु सफलता नहीं मिली थी. इस बार भी 100 से 110 सीटों पर माले चुनाव लड़ना चाहती है. बिहार में माले विधानसभा चुनाव कितनी सीटों पर लड़ेगी, यह फैसला लखनऊ बैठक के