इससे साफ जाहिर होता है कि प्रचार-प्रसार व विभाग की उदासीनता का नतीजा है कि कुपोषित बच्चे मौत के शिकार हो रहे हैं और सरकार के द्वारा इस मद में दी जा रही राशि का बंदर बांट किया जा रहा है.
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एनआरसी में जारी है खानापूर्ति
बांका: कुपोषित बच्चों को चिह्न्ति करने का कार्य बाल विकास परियोजना को सौंपा गया है. इस कार्य को पूरा करने में एनआरसी की भूमिका भी अहम होती है. लेकिन इन सबों की उदासीनता का शिकार जिले के निवासी हो रहे हैं. जिसका नतीजा है कि कुपोषित के शिकार बच्चे की मृत्यु हो रही है, और […]
बांका: कुपोषित बच्चों को चिह्न्ति करने का कार्य बाल विकास परियोजना को सौंपा गया है. इस कार्य को पूरा करने में एनआरसी की भूमिका भी अहम होती है. लेकिन इन सबों की उदासीनता का शिकार जिले के निवासी हो रहे हैं. जिसका नतीजा है कि कुपोषित के शिकार बच्चे की मृत्यु हो रही है, और विभाग व एनआरसी खानापूर्ति करने में लगे हुए हैं. सूत्रों की मानें तो केंद्र पर काफी अनियमितता व्याप्त है. जिले के कुल 11 प्रखंडों से कुल 15 बच्चे ही केंद्र पर मौजूद हैं जिसमें बांका प्रखंड के बच्चे अधिकतर हैं.
क्या कहते हैं सीएस
इस संबंध में सीएस डॉ जितेंद्र कुमार ने बताया कि कुपोषित बच्चों को केंद्र तक लाने की जिम्मेदारी बाल विकास परियोजना के पदाधिकारी व कर्मी को सौंपी गयी है. इनके द्वारा ही प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाना है. बेलहर प्रखंड के एक बच्चे की मौत पर उन्होंने कहा कि दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की गयी है. साथ ही सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका को निर्देश दिया गया है कि कुपोषित बच्चों को चिह्न्ति कर केंद्र तक पहुंचाने का कार्य करें. अगर इस तरह की शिकायत मिलती है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
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