गया. नगर निगम सिर्फ यही सोचता है कि बोरिंग कर जलापूर्ति करें, लेकिन यह आखिर कब तक चलेगा. दिनों-दिन भूमिगत जलस्तर नीचे जा रहा है. आने वाले समय में बोरिंग से पानी निकालना और भी मुश्किल हो जायेगा. नगर निगम इस समस्या का एक बेहतर विकल्प तलाश करें. नगर विकास परिषद के सदस्यों ने शहर में गिरते भूमिगत जल स्तर पर चिंता जतायी है.
हालांकि, परिषद के सदस्यों ने नगर निगम को एक बेहतर सुझाव भी दिया है. सदस्यों के मुताबिक, नगर निगम को अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सोचना चाहिए. शहर के दो पहाड़ रामशिला व ब्रह्ययोनि के पास यह व्यवस्था की जा सकती है. हर साल इन पहाड़ों से होकर हजारों लीटर बारिश का पानी यूं ही बरबाद हो जाता है. नगर निगम अगर इस पानी को पाइप लाइन का प्रयोग कर तालाब या कहीं और जमा करें, तो उक्त स्थान पर जल स्तर (वाटर लेयर) हमेशा बना रहेगा. साथ ही, जमा पानी का भी प्रयोग किया जा सकेगा.
तालाबों में अतिक्रमण रुके : परिषद के सदस्यों ने शहर के तालाबों में हो रहे अतिक्रमण की शिकायत डीएम से की है. उन्होंने कहा है कि शहर में कई तालाब हैं, जहां पक्के मकान अथवा मंदिर बना कर अतिक्रमण किया जा रहा है. अब जिला प्रशासन इस पर रोक लगाये . निगम व नगर प्रखंड के पदाधिकारी इसमें सक्रिय भूमिका निभायें और ऐसी अराजकता को रोकें.