शेखपुरा : जिले में सड़क हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है. खास कर शादी-विवाह के लगन के वक्त में सड़क हादसों की घटनाओं में और भी तेजी आ जाती है.
इसका मुख्य कारण यही है कि 10 से 12 की सीट वाले यात्री वाहन पर 30-35 यात्री भेड़-बकरियों की तरह लादे जाते हैं. बुधवार की रात्रि सड़क हादसे में चार लोगों की मौत ने शादी के खुशनुमा माहौल को गम में तब्दील कर दिया. इतना हीं नहीं न जाने किस-किस परिवार का सहारा छिन गया.
सड़कों पर मौत का मंजर देख भले ही आम लोग सहम जाते हो, पर पुलिस और प्रशासन की सो चुकी संवेदना हादसे को तेजी से बढ़ा रहा है. सड़कों पर ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी यात्री वाहन के संचालक तो अपनी कमाई के लिए कई जिंदगियों को दावं पर लगा देते हैं.
सीट की क्षमता से तीन गुना यात्री बैठाने के साथ ही ऊपरी कैरियर और इंजन के बोनट पर भी यात्री बैठाने से बाज नहीं आते हैं. यही कारण है कि थोड़ी सी चूक के बाद ओवरलोडेड वाहन को संभालने का अवसर नहीं मिल पाता है और हादसे में सीट की क्षमता से कई गुणा अधिक यात्री बड़े हादसे का भुक्तभोगी बन जाते हैं.