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जानलेवा बनी गरमी. तापमान 44 डिग्री के आसपास पहुंचा, सड़कों पर सन्नाटा

गोपालगंज : गरमी का सितम बढ़ता जा रहा है. असहनीय गरमी का असर अब जानलेवा साबित हो रहा है. गुरुवार को शहर के सरेया मिशन में एक किसान की मौत हो गयी. वहीं, नगर पर्षद के बाहर ठेले पर फल बेचनेवाले एक युवक की दोपहर में अचानक चक्कर आने के बाद मौत हो गयी. दो […]

गोपालगंज : गरमी का सितम बढ़ता जा रहा है. असहनीय गरमी का असर अब जानलेवा साबित हो रहा है. गुरुवार को शहर के सरेया मिशन में एक किसान की मौत हो गयी. वहीं, नगर पर्षद के बाहर ठेले पर फल बेचनेवाले एक युवक की दोपहर में अचानक चक्कर आने के बाद मौत हो गयी.
दो दर्जन से अधिक लोग बीमार हैं. सभी का इलाज सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कराया गया. हालांकि बताया जा रहा है कि युवक को कुछ दिनों से बुखार था. दोपहर में उसकी मौत हो गयी. मृतक सरेया मिशन के निवासी (59 वर्ष) हदीश अंसारी तथा तुरकहां के अजीज अंसारी थे. भीषण गरमी में हीट स्ट्रोक (ताप घात) का खतरा बढ़ गया है. डॉक्टर भी मान रहे हैं कि बढ़ती गरमी के साथ शरीर का टेंपरेचर कंट्रोल सिस्टम बिगड़ सकता है.
बथान से घर जा रही महिला बेहोश : सदर प्रखंड के नवादा रजोखर गांव में गुरुवार को बथान से अपने घर जा रही महिला दोपहर में तेज धूप के कारण अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी. सड़क पर गिरी महिला को आसपास के लोगों ने सदर अस्पताल में भरती कराया. पीड़ित महिला कलावती देवी बतायी गयी है.
हीट एक्टॉर्शन : तेज गरमी के समय जब दोपहर में बाहर निकलते हैं, तो शरीर में पानी की कमी होने लगती है. ऐसे में कुछ ही देर में प्यास लगने लगती है. इस परिस्थिति में हीट एक्टॉर्शन कहते हैं. इसे ठीक होने में एक से तीन घंटे लग जाते हैं.
कैसे होता है हीट स्ट्रोक
तापमान के 40 डिग्री छू जाने पर हीट स्ट्रोक की स्थिति पैदा हो सकती है. इसमें शरीर का टेंपरेचर कंट्रोल सिस्टम गड़बड़ होने लगता है. इस तापमान पर यदि कोई शारीरिक परिश्रम कर ले, जिसका वह आदी न हो तो उसे हीट स्ट्रोक (लू) जल्दी चपेट में ले लेता है.
कारण, ज्यादा तापमान पर अधिक शारीरिक श्रम से वाटर लॉस अधिक तेजी से होता है. इसमें चक्कर आना, जी मचलाना जैसी तकलीफें होने लगती हैं.
ऐसे बचें : वाटर स्पंजिंग व वेंटिलेशन ही हीट स्ट्रोक के उपाय हैं. वाटर स्पंजिंग में ठंडे पानी के कपड़े से शरीर को पोछें और वेंटिलेशन के लिए मरीज को हवादार स्थान पर सुलाएं, ज्यादा परेशानी होने पर नमक – चीनी का घोल दें और तुरंत अस्पताल या डॉक्टर को दिखाये.
ब्रेन टेश्यू डेमेज
सदर अस्पताल के डॉक्टर बताते हैं कि तापमान के 44 छू जाने या उससे अधिक पर हो जाने से ब्रेन टिश्यू डेमेज होने का खतरा रहता है. इतने उच्च तापमान पर बहुत देर तक लगातार धूप में रहने से यह स्थिति हो सकती है. इससेशरीर का टेंपरेचर कंट्रोल सिस्टम फेल हो जाता है. समय रहते इलाज न होने की स्थिति में यह जानलेवा साबित हो सकता है.
ऐसे बचें : अधिक तापमान के समय धूप में निकलने से बचें. चाय – कॉफी के बजाय शरबत, लस्सी, नीबू पानी पीएं. बाहर जाते वक्त टोपी, छतरी, हेलमेट व सिर पर गीला कपड़ा रखें. बाजार की तली चीजों से बचें. हलका आहार ही लें, जो जल्दी पच सके.

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