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22 स्थानों पर मनेगा महोत्सव
रांची : दामोदर नदी के संरक्षण और प्रदूषण मुक्त करने के अभियान में जनभागीदारी बढ़ायी जायेगी. इसके लिए सिविल सोसाइटी को जागरूक किया जायेगा. युगांतर भारती स्वयं सेवी संस्था द्वारा 28-29 मई को पर्यावरण जागरूकता और दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. इसमें सिविल सोसाइटी को पूरे मुहिम से […]
रांची : दामोदर नदी के संरक्षण और प्रदूषण मुक्त करने के अभियान में जनभागीदारी बढ़ायी जायेगी. इसके लिए सिविल सोसाइटी को जागरूक किया जायेगा. युगांतर भारती स्वयं सेवी संस्था द्वारा 28-29 मई को पर्यावरण जागरूकता और दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
इसमें सिविल सोसाइटी को पूरे मुहिम से जोड़ने की रणनीति भी बनेगी. बुधवार को मंत्री सरयू राय ने दामोदर नदी के प्रदूषण मुक्त करने के लिए चलाये जा रहे अभियान और कार्यक्रम की जानकारी दी.
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि 28 मई को हर वर्ष की तरह गंगा दशहरा के मौके पर दामोदर बेसिन के 22 स्थानों पर देवनद-दामोदर उत्सव मनाया जायेगा. स्वयं सेवी संस्था, पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले समाजसेवी, अनुसंधानकर्ताओं की टीम इन 22 स्थानों पर जायेगी.
उन्होंने बताया कि इन स्थानों पर प्रदूषण का अध्ययन किया जायेगा और पता लगाया जायेगा कि केंद्र सरकार की संस्थाएं प्रदूषण रोकने के लिए क्या कर रही है. पूरे अध्ययन पर एक रिपोर्ट तैयार की जायेगी. 29 मई को राजधानी के सिदरौल में सम्मेलन किया जायेगा. सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण में सिविल सोसाइटी की भूमिका विषय पर चर्चा भी होगी.
श्री राय ने बताया कि सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो केंद्रीय मंत्रियों ने सहमति भी दी है. सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री उमा भारती और प्रकाश जावड़ेकर सहित देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता, शोधकर्ता सहित स्वयं सेवी संस्था और समाज के प्रबुद्ध लोग पहुंचेंगे.
सम्मेलन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और बचाव के लिए सिविल सोसाइटी को जगारूक करने और उनकी भूमिका तय करने की रणनीति बनेगी. मंत्री श्री राय ने कहा कि दामोदर नदी का प्रदूषण बड़ी समस्या और चुनौती है. आज पेयजल बड़ी समस्या बन कर उभर रही है. पानी बाजार की ओर जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से दामोदर को बचाने और पर्यावरण संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है.
हम नदियों की साफ-सफाई का अभियान चला कर उन पर कोई कृपा नहीं कर रहे हैं. नदियां अपनी सफाई खुद कर लेती हैं, जरूरत है कि इन्हें गंदा करने वालों पर कार्रवाई हो. संवाददाता सम्मेलन में अर्थशास्त्री रमेश शरण, पर्यावरणविद नितिश प्रियदर्शी, राकेश भाष्कर, प्रेम मित्तल सहित कई लोग मौजूद थे.
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