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अंतिम सर्वे को आधार बनाने का दिया सुझाव
स्थानीय नीति को लेकर हुई चर्चा रांची : जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक में बुधवार को स्थानीय नीति को लेकर चर्चा हुई. बैठक में अधिकतर सदस्यों ने 1932 या अंतिम सर्वे को स्थानीयता का आधार बनाने का सुझाव दिया. अधिसूचित क्षेत्र के 113 प्रखंडों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी आदिवासी व मूलवासी […]
स्थानीय नीति को लेकर हुई चर्चा
रांची : जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक में बुधवार को स्थानीय नीति को लेकर चर्चा हुई. बैठक में अधिकतर सदस्यों ने 1932 या अंतिम सर्वे को स्थानीयता का आधार बनाने का सुझाव दिया.
अधिसूचित क्षेत्र के 113 प्रखंडों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी आदिवासी व मूलवासी के लिए आरक्षित करने का सुझाव दिया. बिरसा मुंडा के नाम का अनुचित इस्तेमाल पर भी रोक लगाने की अनुशंसा की. कहा गया कि भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर जूते-चप्पल की दुकानें खोली जा रही हैं, जो गलत है. मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में सीएम रघुवर दास ने सभी से लिखित रूप से सुझाव की मांग की है.
सीएनटी में थानों की सीमा हटाने का प्रस्ताव : इससे पहले 29 सितंबर 2014 को हुई टीएसी की बैठक में सीएनटी एक्ट को लेकर कमेटी बनायी गयी थी. बुधवार को इस कमेटी की रिपोर्ट पेश की गयी. सूत्रों के अनुसार, लोबिन हेंब्रम की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने सीएनटी एक्ट की धारा 71 में संशोधन करने की अनुशंसा की है. इसके तहत थानों की सीमा हटा कर इसे जिला स्तर पर करने की बात कही गयी है. बैठक में चंपई सोरेन की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने ईचा डैम पर अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में बांध का निर्माण कार्य स्थगित रखने की अनुशंसा की गयी है.
कार्मिक विभाग ने दिया प्रेजेंटेशन : कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने बताया : स्थानीय नीति पर अब तक क्या-क्या सुझाव आये हैं, इस बाबत कार्मिक विभाग ने अपना प्रेजेंटेशन दिया था. इसके बाद कई सदस्यों के अलग-अलग सुझाव आये. उन्होंने कहा : बैठक में राज्य व जिला स्तर पर अनुसूचित जनजाति विकास पर्षद बनाने की अनुशंसा की गयी है. उनके साथ मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, योजना विभाग के प्रधान सचिव अरुण सिंह व समाज कल्याण सचिव वंदना डाडेल भी थी. वंदना डाडेल ने बताया कि अब हर तीन महीनेपर टीएसी की बैठक होगी.
बैठक में थे
मुख्यमंत्री रघुवर दास, कल्याण मंत्री लुईस मरांडी, ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, मुख्य सचिव राजीव गौबा, विकास आयुक्त आरएस पोद्दार,सीएम के प्रधान सचिव संजय कुमार समेत आजसू के विधायक कमल किशोर भगत, झामुमो के विधायक दीपक बिरुवा, गांगोत्री कुजूर, जेबी तुबिद, रतन तिर्की व अन्य लोग. सदस्य जोबा मांझी व एनोस एक्का उपस्थित नहीं थे.
जनजातीय समाज के बच्चों को आगे बढ़ाना है : मुख्यमंत्री
टीएसी की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : जनजातीय समाज के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार कृतसंकल्प है. इसके लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कौशल विकास का माहौल बनाना होगा. कल्याण विभाग की ओर से संचालित शैक्षणिक संस्थानों और छात्रवासों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा : बैठक में जो भी निर्णय लिये गये हैं, उनका अनुपालन विभागीय स्तर से निश्चित समय सीमा के भीतर करना है. इसकी नियमित मॉनीटरिंग की जायेगी. जनजातीय कल्याण के कार्यो में निर्धारित मानकों का पालन अनिवार्य है.
गांव के लोग ही अपने गांव की योजनाओं और एक्शन प्लान तैयार करें. सत्ता में अधिक लोगों की भागीदारी से ही सुशासन संभव है. मुख्यमंत्री ने कहा : जनजातीय विकास परिषद का गठन किया जा रहा है. टीएसी के सदस्यों को आदिवासी विकास परिषद व झारखंड विकास परिषद में सदस्य रखे जाने का प्रस्ताव है. ये संबंधित सांसदों, विधायकों और क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ बैठक कर विकास का खाका तैयार करेंगे. उन्होंने कहा : झारखंड राज्य योजना परिषद को विलोपित करते हुए झारखंड विकास परिषद का गठन किया जा रहा है, जो अगले वित्तीय वर्ष की योजना का रूपांकण करेगी.
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