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सरकार की प्राथमिकता सूबे के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना

सीवान : सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सूबे के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए नयी-नयी तकनीक इजाद कर किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है. ये बातें बुधवार को जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने खरीफ फसल 2015 की कर्मशाला के उद्घाटन के अवसर पर टाउन हॉल में […]

सीवान : सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सूबे के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए नयी-नयी तकनीक इजाद कर किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
ये बातें बुधवार को जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने खरीफ फसल 2015 की कर्मशाला के उद्घाटन के अवसर पर टाउन हॉल में कही. उन्होंने कहा कि सरकार की चिंता खेती में लगने वाली लागत को कम करने की है, ताकि किसानों को कम लागत पर अधिक उपज प्राप्त हो सके. जिला कृषि पदाधिकारी जय राम पॅाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ किसानों को भी आने वाले समय में परिवर्तन की आदत डालनी पड़ेगी.
जल संरक्षण पर बल देते हुए श्री पॉल ने कहा अब किसानों को फसल चक्र अपनाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि जिस तेजी से मौसम में परिवर्तन हो रहा है, इसके सापेक्ष फसल चक्र ही किसानों के लिए लाभप्रद होगा. नयी तकनीक अपनाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे जहां उपज बढ़ेगी, वही किसान आत्मनिर्भर भी होंगे.
कृषि विभाग ने आयोजित की कर्मशाला : खरीफ फसल 2015 के तहत शहर के टाउन हॉल में एक दिवसीय क र्मशाला का आयोजन कृषि विभाग द्वारा किया गया था, जिसमें जिले के सभी बीएओ, बीटीएम, कृषि समन्वयक व किसान सलाहकारों को खरीफ 2015 के तहत चलाये जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी.
इसमें श्री विधि से धान की खेती, पैडिक ट्रांसप्लांट मशीन से धान की रोपनी, जीरो टीलेज व सीड ड्रीम मशीन से धान की सीधी बोआई, धान के तनाव रोधी प्रभेदो का प्रत्यक्षण, सुगंधित धान की खेती, अरहर के साथ मूंग तथा मक्के के साथ उड़द की अंतरवर्ती खेती व संकर धान बीज के वितरण के साथ ब्रज ग्राम व मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना अंतर्गत धान एवं अरहर बीज उत्पादन की जानकारियां प्रमुख थी.
कर्मशाला में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा भी कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये. कर्मशाला में शामिल सभी कर्मी प्रखंड व पंचायत स्तर पर किसानों को जानकारियां देंगे ताकि किसान खरीफ फसल की उपज को बढ़ा सके.
कर्मशाला का उद्घाटन जिला पदाधिकारी संजय कुमार सिंह द्वारा किया जाना था, परंतु कार्य की व्यस्तता के कारण उनके निर्देश पर मत्स्य पदाधिकारी श्री श्रीवास्तव ने किया.
मौके पर आत्मा के निदेशक शंकर झा, उपनिदेशक केके चौधरी, कृषि विज्ञान केंद्र भगवानपुर के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आरके मंडल, डॉ आरपी प्रसाद, पौध संरक्षण के बीके शाही, पशुपालन विभाग के डॉ सुनील रंजन सिंह, राम मनोहर, विजय गुप्ता सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे.

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