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पीएम नरेंद्र मोदी को केजरीवाल का पत्र, केंद्र उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र चलाना चाहता है राज्य की सरकार

नयी दिल्ली : दिल्ली में मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की जंग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक जा पहुंची है. इस कड़ी में एक और नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जुड़ गया है. उपराज्यपाल के खिलाफ अपनी जंग को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उनसे कहा कि शहर की […]

नयी दिल्ली : दिल्ली में मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की जंग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक जा पहुंची है. इस कड़ी में एक और नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जुड़ गया है. उपराज्यपाल के खिलाफ अपनी जंग को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज उनसे कहा कि शहर की सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए. इसके साथ ही केजरीवाल ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली का प्रशासन चलाने की कोशिश कर रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा की गई तैनातियों और स्थानांतरणों का जिक्र किया और कहा कि चयनित सरकार के पास वरिष्ठ अधिकारियों को काम बांटने के बारे में अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए. मोदी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा, दिल्ली, केंद्र सरकार असंवैधानिक ढंग से उपराज्यपाल के माध्यम से सरकार चलाने की कोशिश कर रही है. दिल्ली सरकार को स्वतंत्र रुप से काम करने दीजिए."
मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखे जाने से पहले कल केजरीवाल और जंग अपनी इस लडाई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास लेकर गए थे. दोनों ने ही एक दूसरे पर संविधान के उल्लंघन और अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों को लांघने का आरोप लगाया. उपराज्यपाल यह कहते रहे हैं कि उन्हें नौकरशाहों को नियुक्त करने और उनका स्थानांतरण करने का अधिकार है और उनका कोई भी कदम "असंवैधानिक" नहीं है, जैसा कि आप सरकार द्वारा आरोप लगाया जा रहा है.
केजरीवाल ने कल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी. सिसोदिया ने कहा, "उपराज्यपाल कुछ इस तरह काम कर रहे हैं, मानो राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है और यहां कोई चुनी हुई सरकार है ही नहीं." उन्होंने कहा, "लोकतांत्रिक रूपसे चुनी हुई सरकार होने के बावजूद वह (उप राज्यपाल) मुख्यमंत्री और मंत्रियों को दरकिनार करते हुए अधिकारियों को निर्देश जारी कर रहे हैं. यहां तक कि वे अधिकारियों को उनके आदेश नहीं मानने पर स्थानांतरण की धमकी भी दे रहे हैं.
यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है"मुखर्जी से मुलाकात करने के बाद सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, "हमने राष्ट्रपति को बता दिया है कि हमने उपराज्यपाल के उस फैसले को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने हमसे विचार-विमर्श किए बिना ही कार्यवाहक प्रमुख सचिव नियुक्त करने का निर्णय ले लिया था. लेकिन उसके बाद भी वह चुनी हुई सरकार को दरकिनार करते हुए अधिकारियों की नियुक्ति करते आए हैं. यहां तक कि वह सचिवों की नियुक्ति में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं और सीधे तौर पर उन्हें आदेश दे रहे हैं. ऐसे में लोकतंत्र कहां है?" जंग ने कल गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की थी और उन्हें आप सरकार के साथ अपने गतिरोध के बारे में बताया था.
शकुंतला गैमलिन को दिल्ली में कार्यवाहक प्रमुख सचिव पद पर नियुक्त किए जाने पर उत्पन्न हुआ विवाद आप सरकार और जंग के बीच एक युद्ध में तब्दील हो गया है. केजरीवाल का आरोप है कि उपराज्यपाल प्रशासन को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं. केजरीवाल के कडे विरोध के बावजूद जंग ने गैमलिन को शुक्रवार को पद पर नियुक्त कर दिया था.

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