बिमल गुरुंग ने नये सदस्यों को माला पहना कर व उनके हाथ में पार्टी का झंडा थमा कर उनका स्वागत किया. इस दौरान बिमल गुरुंग ने बताया कि वह शुरू से ही गणतांत्रिक व गांधीवादी नीतियों के साथ काम करते आ रहे हंै. भविष्य में भी मोरचा की यही नीति कायम रहेगी. भारतीय गोरखआों की राजनीतिक सुरक्षा व राष्ट्रीय पहचान की मांग को लेकर मोरचा की ओर से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.
मोरचा ने स्वतंत्रता सेनानी तथा शहीद दुर्गा मल्ल की विशाल प्रतिमा दार्जिलिंग के चौरास्ता में निर्मित करने का एलान किया है. वही, माकपा से मोरचा में शामिल होने वाले यादव ठकुरी ने बताया कि वाम मोरचा के 34 वर्षो के शासन काल व जीएनएलएफ के 22 साल के शासनकाल के दौरान चाय बागान श्रमिकों का कुछ भी विकास नहीं हुआ था. पहाड़ में मोरचा के गठन के बाद से चाय श्रमिकों की दैनिक मजदूरी बढ़ी है. उल्लेखनीय है कि यादव ठकुरी तिस्ता वैली अंतर्गत डांडा गांव के निवासी हैं. वह 35 सालों तक माकपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे हैं. उनके मोरचा में शामिल होने के कार्यक्रम में मोरचा नेता तथा जीटीए सभासद नबरूजी लामा, सावन राई, पीटी शेरपा, रमेश छेत्री आदि उपस्थित थे.