मुंबई: मुंबई के एक अस्पताल में नृशंस यौन हमले के बाद 42 साल तक कोमा में रहीं और आज इस संसार को अलविदा कह गयीं पूर्व नर्स अरुणा शानबाग को नर्सिंग समुदाय समेत सैकडों लोगों ने अश्रुपूरित नेत्रों से आज शाम अंतिम विदाई दी.
अरुणा का अंतिम संस्कार उनके परिजनों के बजाय परेल स्थित केईएम अस्पताल की नर्सें करना चाहती थीं जिन्होंने लंबे समय तक उनकी देखभाल की.
हालांकि एक सहमति के तहत नर्सों, अस्पताल के अन्य कर्मचारियों और अरुणा के परिजनों ने मिलकर अंतिम संस्कार की रस्म अदा की. केईएम अस्पताल के डीन और अरुणा के एक रिश्तेदार ने मिलकर अरुणा की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी.66 वर्षीय अरुणा का आज सुबह निधन हो गया और भोइवाडा शवदाहगृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
अंतिम संस्कार से पहले आखिरी दर्शन के लिए अस्पताल में उनकी पार्थिव देह को रखा गया और बाद में भोइवाडा शवदाहगृह ले जाया गया. ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने अस्पताल जाकर अरुणा को श्रद्धांजलि दी.