डॉ केजरीवाल ने बताया : नवजात डिश्यूज एम्यूनिटीक सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रस्त है. यह बीमारी लाखों में एक शिशु में दिखती है. इस बीमारी में शिशु के शरीर से प्लास्टिक जैसे रेशे निकलते हैं, जो शिशु को जकड़ते हैं. इससे शिशु की सेहत को खतरा रहता है. यहां भरती शिशु को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
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नवजात के शरीर से निकल रहे प्लास्टिक के रेशे
बोकारो. चास स्थित नीलम अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर में शनिवार की सुबह जनमे एक बच्चे के शरीर से प्लास्टिक के रेशे निकलने का मामला प्रकाश में आया है. यह देख कर अस्पताल के निदेशक डॉ रतन केजरीवाल हैरान हैं. बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सकों की टीम […]
बोकारो. चास स्थित नीलम अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर में शनिवार की सुबह जनमे एक बच्चे के शरीर से प्लास्टिक के रेशे निकलने का मामला प्रकाश में आया है. यह देख कर अस्पताल के निदेशक डॉ रतन केजरीवाल हैरान हैं. बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सकों की टीम लगी हुई है.
क्या है पूरा मामला : धनबाद के रामनगर गढ़ (कांड्रा) निवासी पल्टू महतो ने अपनी पत्नी सुलोचना देवी को शनिवार को चास स्थित नीलम अस्पताल में दाखिल कराया.
चिकित्सकों ने अल्ट्रा साउंड करने पर शिशु को अंदर से जकड़ा हुआ पाया. काफी मेहनत के बाद सामान्य विधि से शिशु (बालिका) का प्रसव कराया गया. बालिका का वजन भी 1.6 किलोग्राम था. प्रसव के साथ ही डिश्यूज एम्यूनिटीक सिंड्रोम बीमारी का पता चला.
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