फोटो : 18परिचय : मैथिली में निकाले गये पुस्तक को दिखाते डायट के प्राचार्य सुभाषचंद्र झा दरभंगा . डायट दरभंगा ने विभागीय निर्देश के आलोक में अनूठी पहल की है. मिथिलांचल के लोगों के लिए उनकी स्थानीय भाषा मैथिली में ही पाठ्यक्रम तैयार किया है. यानी कि अब मैथिली भाषा में भी शिक्षक प्रशिक्षण लेने वाले छात्र अध्ययन कर सकते हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं उसकी बोली में ही पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के विशेषज्ञों की राय को देखते हुए बिहार का संभवत : पहला डायट है जिसने मैथिली भाषा में डीएलएड कोर्स तैयार किया है. यह कोर्स राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुप रेखा एनसीएफ के आधार पर तैयार की गयी है डायट के प्राचार्य सुभाषचंद्र झा ने बताया कि जिस प्रकार पूरे देश में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तथा सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षा संचालित है, ठीक उसी प्रकार बिहार के सरकारी विद्यालयों में पाठ्यचर्या की रुपरेखा भी एक होनी चाहिए. यह अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग भाषा में होगी. अर्थात जहां जो भाषा बोली जाती है उसी भाषा में उन्हें समझाया जायेगा. प्राचार्य ने बताया कि यदि बच्चों को उसी की भाषा में पढ़ाया या समझाया जाये तो ज्यादा उसे ग्रहण करेगा. इससे बच्चों में विषय वस्तु की समझ ज्यादा विकसित होगी. डायट में मैथिली में दूरस्थ शिक्षा के तहत छात्रों को पढ़ाने कार्य शुरु कर दिया गया है. पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी मैथिली भाषा में ही पढ़ाने को कहा गया है जिससे छात्र आसानी से पढ़ सकें.
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डीएलएड पाठ्यक्रम में मैथिली में शिक्षा देने की कवायद
फोटो : 18परिचय : मैथिली में निकाले गये पुस्तक को दिखाते डायट के प्राचार्य सुभाषचंद्र झा दरभंगा . डायट दरभंगा ने विभागीय निर्देश के आलोक में अनूठी पहल की है. मिथिलांचल के लोगों के लिए उनकी स्थानीय भाषा मैथिली में ही पाठ्यक्रम तैयार किया है. यानी कि अब मैथिली भाषा में भी शिक्षक प्रशिक्षण लेने […]
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