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भारत, चीन व्यापार घाटे से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिये कार्यबल बनाने पर हुए राजी

बीजिंग : भारत और चीन बाजार पहुंच बढाने और व्यापार घाटे से जुडी भारत की चिंताओं को दूर करने के लिये एक उच्चस्तरीय कार्यबल बनाने पर सहमत हुये हैं. चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढकर 48 अरब डालर तक पहुंच गया. भारत अपने दवा उत्पादों, सूचना प्रौद्योगिकी और कृषि उत्पादों की चीन के […]

बीजिंग : भारत और चीन बाजार पहुंच बढाने और व्यापार घाटे से जुडी भारत की चिंताओं को दूर करने के लिये एक उच्चस्तरीय कार्यबल बनाने पर सहमत हुये हैं. चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढकर 48 अरब डालर तक पहुंच गया.
भारत अपने दवा उत्पादों, सूचना प्रौद्योगिकी और कृषि उत्पादों की चीन के बाजारों में पहुंच बढाना चाहता है. भारतीय उत्पादों को इन क्षेत्रों में नियामकीय रुकावटों का सामना करना पड रहा है.
आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ बढते व्यापार असंतुलन के संबंध में चिंता जाहिर की जिसके बाद दोनों पक्षों ने उच्चत स्तरीय कार्य बल के गठन की घोषणा की ताकि इसके साथ साथ बाजार पहुंच समेत अन्य मुद्दों का समाधान किया जा सके.
मोदी ने कहा, मैंने जब बढते व्यापार घाटे का मुद्दा उठाया तो राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग ने बहुत ध्यान से सुना. हमें जमीन पर इसके असर का इंतजार है.
उन्होंने कहा, हम आर्थिक संबंधों के विस्तार के लिये रणनीतिक खाका विकसित करने के वास्ते उच्च स्तरीय कार्यबल बनाने पर सहमत हुए हैं. इसके दायरे में बुनियादी ढांचा, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मा, कृषि और विनिर्माण समेत विभिन्न क्षेत्रों का व्यापक दायरा शामिल होगा. चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 2014-15 में करीब 34 प्रतिशत बढकर 48.43 अरब डालर पर पहुंच गया जो इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान 36.21 अरब डालर था.
मोदी ने कहा कि इस भागीदारी को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए हमें चीनी बाजार के लिए भारतीय उद्योग की पहुंच में भी सुधार करना चाहिए. मैं इस समस्या को सुलझाने के राष्ट्रपति शी और प्रधानमंत्री ली की प्रतिबद्धता से उत्साहित हूं.
इस बात पर सहमति हुई कि दोनों पक्षा द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश की बाधाएं दूर करने और एक दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं में ज्यादा बाजार पहुंच सुगम बनाने के लिए आवश्यक पहल करेंगे.
संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों द्विपक्षीय व्यापार में असंतुलन को दूर करने के लिए संयुक्त पहल करने पर सहमत हुए हैं ताकि इसे मजबूत बनाया जा सके.
बयान में कहा गया, इन पहलों में पंजीकरण समेत फार्मा निगरानी, द्विपक्षीय व्यापार के लिए कृषि उत्पादों में स्वच्छता संबंधी बातचीत, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों तथा चीनी उपक्रमों के बीच मजबूत संबंध और पर्यटन, फिल्म, सूचना प्रौद्योगिकी और लाजिक्टिक्स में सेवा व्यापार बढाने में सहयोग शामिल होगा.

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