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चाय वाला देश का पीएम बन सकता, तो पान वाला क्यों नहीं : नीतीश कुमार

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के बारे में शुक्रवार को कहा कि इस सरकार का पूरा एक साल बर्बाद हो गया, लेकिन उन्हें एक ही सकारात्मक बात दिखी कि कैसे एक चाय वाले ने प्रधानमंत्री बनने के अपने सपने को पूरा कर लिया. नीतीश कुमार […]

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के बारे में शुक्रवार को कहा कि इस सरकार का पूरा एक साल बर्बाद हो गया, लेकिन उन्हें एक ही सकारात्मक बात दिखी कि कैसे एक चाय वाले ने प्रधानमंत्री बनने के अपने सपने को पूरा कर लिया. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो पान वाला क्यों नहीं बन सकता है.

पटना में आज चौरसिया समुदाय के समारोह के दौरान एक बच्चे के प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखने पर नीतीश ने नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो पान वाला क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि यह तो खुशी की बात है, कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है. अगर उस बच्चे में यह भावना है तो यह भावना सबमें आनी चाहिये. पहले चाहत होगी तभी कोई कुछ प्राप्त कर सकता है और उसके लिए उपक्रम करेगा. नीतीश ने कहा कि वह उनके काम-काज से संतुष्ट नहीं हैं पर उस एक घटना कि चाय वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है उन्हें भी अच्छा लगता है.

नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र में जो नई सरकार बनी है उसमें उनके लिए कोई खुशी नहीं है, लेकिन एक बात हम भी कभी-कभी मान लेते हैं कि कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है. अगर किसी ने अपने आपको चाय वाले रुप में पेशकर प्रधानमंत्री बन सकता है तो कोई भी उस पद पर आसीन हो सकता है जिसे वे सकारात्मक रुप में लेते हैं. उन्होंने कहा यही एकमात्र खासियत है, बाकी कुछ नहीं क्योंकि अच्छे दिन किसी के नहीं आये. अच्छे दिन केवल उन्हीं लोगों के आ गये, बाकी अच्छे दिन का इंतजार करते रह जाएंगे.

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव पूर्व नरेंद्र मोदी के वादे कालाधन विदेशों से लाकर लोगों के बैंक खाते में 15 से 20 लाख रुपये जमा किये जाने का जिक्र करते हुये उतनी बड़ी राशि की बात छोड़ दिजिये जनधन खाता धारकों को 15 से 20 हजार रुपये दे देते तो मान लेते कि उनके अच्छे दिन आ गये. नीतीश कुमार ने केंद्र की राजग सरकार के एक साल पूरा होने के बारे में कहा कि पूरा एक साल बर्बाद हो गया. केंद्र द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण बिल की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोगों की जमीन कैसे ली जाए उसमें लोग लगे रह गये. प्रधानमंत्री की विदेश यात्रओं पर चुटकी लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कभी-कभी प्रधानमंत्री को अपने देश में रहने का मौका मिलता है जो कि अच्छी बात है.

इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए नीतीश ने चौरसिया समाज से अपने मताधिकार को समझने की अपील करते हुए कहा कि उनका वोट फैसला करेगा कि कौन सत्ता में जाएगा इसलिए उसका इस्तेमाल सजग होकर करें. पूर्व में सत्ता में साथ रही भाजपा द्वारा आज उनकी आलोचना किए जाने के बारे में नीतीश ने कहा कि कल तक जो उनकी प्रशंसा करते थे आज उन्हें उनकी निंदा करने के अलावा कोई काम ही नहीं बचा है, पर वे कर्म और जनता की सेवा में विश्वास रखते हैं बिना उनकी निंदा का जवाब दिए उसमें लगे रहते हैं. उन्होंने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि बहुत लोग चुनाव के समय आयेंगे और प्रदेश सरकार द्वारा किये गये काम पर पर्दा डालने और आंख में धूल झोंकने की कोशिश पर उनके बहकावे में नहीं आना है.

इससे पूर्व मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आज लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने आरोप लगाया कि जिनके अच्छे दिन आने थे आ गये. भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पूर्व लोगों से वादा किया था कि अच्छे दिन लायेंगे. लोगों के तो अच्छे दिन नहीं आये लेकिन भाजपा वालों के अच्छे दिन आ गये इसलिये वे जश्न मना रहे है.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जनता में मायूसी है. जिन उम्मीद के आधार पर लोगों ने भाजपा को वोट दिया था, उस पर वे खरे नहीं उतर रहे हैं. कोई वादा पूरा नहीं हुआ, सिवाय भाषण के कुछ नहीं हुआ. लोग इंतजार कर रहे हैं कि उनके कब अच्छे दिन आयेंगे. भाजपा के अच्छे दिन आने के बाद वे अपने घरों में खुशियां मना रहे हैं.

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