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विधानसभा चुनाव के पहले सीटों को लेकर राजद-जदयू आमने-सामने

पटना: इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले सीटों को लेकर राजद-जदयू के बीच सियायत तेज हो गयी है. सीटों के तालमेल पर राजद व जदयू के बीच जारी बयानबाजी से यह साफ होने लगा है कि इन दोनों दलों के बीच विलय के बाद भी सब कुछ ठीक नहीं चल […]

पटना: इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले सीटों को लेकर राजद-जदयू के बीच सियायत तेज हो गयी है. सीटों के तालमेल पर राजद व जदयू के बीच जारी बयानबाजी से यह साफ होने लगा है कि इन दोनों दलों के बीच विलय के बाद भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव जहां भाजपा से लोहा लेने के लिये जदयू व राजद का मन मिलने की बात कर रहे हैं. वहीं सीटों के तालमेल पर राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि जदयू से राजद ज्यादा बड़ा दल है इसलिए पार्टी की ओर से राज्य की प्रत्येक विधानसभा सीट पर बात करने को प्राथमिकता दिया जायेगा. रघुवंश प्रसाद के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राजद अपनी इच्छा के मुताबिक सूबे के सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर सकती है.

राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अपने विधायकों के साथ कल बैठक किए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के बिहार विधानसभा चुनाव में 143 सीटों का दावा किये जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज हल्के अंदाज में लेते हुये खारिज कर दिया. रघुवंश प्रसाद के उक्त दावे पर नीतीश कुमार ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम को राजद और जदयू के बीच सीटों के बंटवारे के पैमाने के तौर नहीं लिया जाना चाहिए बल्कि इसके लिए पार्टी की जमीनी स्तर पर पकड़ को पैमाना माना जाना चाहिये. वर्ष 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू ने भाजपा के साथ गठबंधन कर 117 सीटें जीती थीं जबकि राजद मात्र 24 ही सीटें पर विजयी रही थी. रघुवंश ने कहा है कि 16 जून 2013 को राजग से जदयू का गठबंधन टूटने के बाद परिस्थिति बदल गयी है. रघुवंश प्रसाद के राजद के लिए 145 सीटों की मांग किये जाने पर नीतीश ने उसे हल्के अंदाज में लेते हुये कहा कि 145 क्यों पूरी 243 सीट उपलब्ध है.

राजद विधायक दल की बैठक के बाद लालू प्रसाद के पड़ोसी देश नेपाल सहित बिहार में आये भूकंप पीड़ितों के बीच चलाये जा रहे राहत कार्य, शिक्षकों की मांगों पर की गयी टिप्पणी तथा पटना उच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति को प्रोन्नति में आरक्षण दिये जाने को निरस्त कर दिये जाने के मामले को राज्य सरकार से इस मामले को उच्चतम न्यायालय में ले जाने की मांग को जदयू और राजद के बीच रिश्तों में आये खिंचाव के रूप में देखा जा रहा है.

पटना उच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति को प्रोन्नति में आरक्षण दिये जाने को निरस्त कर दिये जाने के मामले को राज्य सरकार से इस मामले को उच्चतम न्यायालय में ले जाने की लालू की मांग के बारे में आज नीतीश ने कहा कि इसके लिए उन्हें मांग करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने राजनीतिक दल के नाते यह बात कही होगी. नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को स्वयं देख रही है. इसके लिए कानूनी राय ली जा रही है. इस बारे में राज्य सरकार ने जो फैसला लिया था वह सही बुनियाद पर लिया गया था. संविधान के तहत इस बात को जहां तक ले जाने की जरुरत होगी, हम लोग जायेंगे.

पटना में आज लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास रखे जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए आगामी मध्य जुलाई में होने वाले चुनाव के बारे में कहा कि कितनी सीटों पर कौन चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर धर्मनिरपेक्ष सहयोगी दलों के बीच अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को उनकी पार्टी की ओर से अधिकृत किया गया है. उनकी राजद, कांग्रेस और भाकपा के नेताओं से बातचीत हुयी. भाकपा वामदलों के साथ अलग गठबंधन की बात कर रहा है. अंतिम रूप से सीट के बंटवारे का निर्णय नहीं आया है और बातचीत का सिलसिला जारी है.

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