बीजिंग :भारत और चीन में सैन्य बलों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक हॉटलाइन नंबर स्थापित करने के लिए भी सहमति बनी है. इस हॉटलाइन नंबर के माध्यम से सीमा पर उत्पन्न होने वाली तनावपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में मदद मिलेगी.अपने चीन दौरे में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग से मुलाकात कर अहम द्विपक्षीय वार्ता के तहत 24 समझौतों परसहमतिजताई. अहम समझौते में रेलवे के विकास के लिए बात बनी है. इसके साथ-साथ एक अहम समझौता हुआ है, चीन भारत के चेन्नई में काउंसिलेट जनरल का ऑफिस खोलेगा. साथ ही भारत भी चीन के एक शहर चेंड डू में अपना काउंसिलेट ऑफिस खोलेगा.
नरेंद्र मोदी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए नाथुला दर्रा के जून में खोले जाने की बात भी कही है. इसके अलावा पर्यटन, शिक्षा, खनन, और अंतरिक्ष क्षेत्र समेत रिकॉर्ड 24 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. भारत के सरकारी चैनल दूरदर्शन और चीन के चैनल CCTV में समझौता हुआ है. अंतरिक्ष सहयोग पर भी दोनों देशों के बीच बात हुई है.
मुख्य समझौतों में एजुकेशन एक्सचेंज समझौता, ख़नन क्षेत्र में समझौता, कौशल विकास के लिए समझौता, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समझौता, भूविज्ञान और अंतरिक्ष में सहयोग को लेकर समझौता, डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर और नीति आयोग पर समझौता, योग कॉलेज की स्थापना के लिए समझौता, औरंगाबाद और दुनहुआंग के बीच सिस्टर सिटीज़ संबंधो को लेकर समझौता, कर्नाटक और शिचुआन के बीच सिस्टर स्टेट संबंधों के लिए समझौता और भारत-चीन थिंक टैंक स्थापना के लिए समझौता है.
सुलझेगा सीमा विवाद
भारत और चीन के प्रधानमंत्रियों ने वार्ता के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि वे दोनों सीमा विवाद सुलझाने के लिए कृतसंकल्प हैं. स्पष्ट, जिम्मेचार और परस्पर सहमति वाला हल निकालने पर जोर दिया. चीन के प्रधानमंत्री केकियांग ने कहा कि साफ-सुथरी वार्ता के बीच सीमा विवाद को जल्द ही सुलझा लिया जायेगा. दोनों देशों के बीच अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 24 अहम समझौते हुए है. दोनों देशों के लिए 10 बिलियन डालर का समझौता हुआ है.
नरेंद्र मोदी ने चीन को दी रुख पर पुनर्विचार की नसीहत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में चीन से उन कुछ मुद्दों पर उसके रुख पर पुनर्विचार करने पर जोर दिया जिसके कारण दोनों देशों की भागीदारी पूरी क्षमता प्राप्त नहीं कर पा रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने बीजिंग में चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग से बातचीत के बाद एक मीडिया के सम्मुख संयुक्त बयान में कहा, ‘मैंने चीन को सुझाव दिया है कि हमारे रिश्तों के प्रति वह सामरिक और दीर्घकालिक स्तर पर विचार करे. मैंने पाया कि चीनी नेतृत्व का रुख इसे लेकर अनुकूल है.’
उन्होंने कहा कि सीमा के मुद्दे पर हमने उचित, व्यवहारिक और आपसी सहमति से स्वीकार्य समाधान तलाशने पर सहमति व्यक्त की. हम दोनों ने सीमा क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता बनाये रखने के लिए हर तरह के प्रयास करने के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की. मोदी ने कहा, ‘मैंने यह भी दोहराया है कि इस संबंध में वास्तविक नियंत्रण रेखा के प्रति स्पष्टता महत्वपूर्ण है.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने वीजा नीति और सीमापार नदियों के साथ हमारे कुछ क्षेत्रीय चिंताओं के बारे में भी चर्चा की.’ उन्होंने कहा कि हम इस बात पर सहमत हुए कि हम आगे बढें, एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील हों, आपसी विश्वास को मजबूत करें, अपने मतभेदों से परिपक्वता के साथ निपटें और लंबित मुद्दों का समाधान खोजें.