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भूकंप से समाहरणालय भवन क्षतिग्रस्त

तीन बड़े व दर्जनों छोटे झटकों से भवन में आयी दरार, खौफ में काम कर रहे कर्मी मधुबनी : पिछले 18 दिनों के अंतराल पर भूकंप के तीन बड़े झटके व दर्जनों छोटे झटकों से समाहरणालय भवन में दरारें पड़ गयी है. भावन में लगे ग्रिल पीछे की ओर झुक गये हैं. कुछ ऐसे ही […]

तीन बड़े व दर्जनों छोटे झटकों से भवन में आयी दरार, खौफ में काम कर रहे कर्मी
मधुबनी : पिछले 18 दिनों के अंतराल पर भूकंप के तीन बड़े झटके व दर्जनों छोटे झटकों से समाहरणालय भवन में दरारें पड़ गयी है. भावन में लगे ग्रिल पीछे की ओर झुक गये हैं. कुछ ऐसे ही बातें बुधवार को समाहरणालय में बैठे कर्मी आपस में कर रहे थे.
मंगलवार को 12:36 में आये भूकंप के जबरदस्त झटकों व उसके बाद आये चार हल्के झटकों से समाहरणालय के कर्मी बुधवार तक उबर नहीं पाये हैं. हालांकि समाहरणालय के कर्मी अन्य दिनों की भांति अपने-अपने टेबल पर बैठकर कार्य भी कर रहे थे, लेकिन किसी अनहोनी की आशंका में डरे सहमे भी थे.
1976 में हुआ था उद्घाटन
22 दिसंबर 1972 को मधुबनी जिला की स्थापना हुई थी इसके बाद शहर के मध्य में समाहरणालय भवन की नींव रखी गई थी. चार फरवरी 1972 ई. को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने समाहरणालय का उद्घाटन किया था.
तीन मंजिले भवन में चलता है समाहरणालय
समाहरणालय के तीन मंजिले भवन में प्रथम एवं दूसरे फ्लोर पर जिला का प्रशासनिक कार्यालय है. वहीं तीसरे माले पर पुलिस अधीक्षक का कार्यालय है. प्रथम तल पर 15 कमरे हैं. वहीं दूसरे तल पर 27 कमरे हैं. तीसरे तल पर आठ कमरों में एसपी कार्यालय चलता है.
सीढ़ी की है कमी
समाहरणालय में एक ही सीढ़ी रहने के कारण आपदा के समय कर्मियों को ऊपरी मंजिलों से नीचे उतरने में भारी परेशानी होती है. इन दिनों हो रहे भूकंप के कारण एक ही समय में कार्यालयों से कर्मी निकलकर सीढ़ी के नीचे भागते हैं.

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