मधुबनी : शहर के वार्ड नंबर-3 बाबू साहब ड्योढी के नजदीक अवस्थित मुरली मनोहर मंदिर का भवन भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गया है. हाल यह है कि मंदिर का भवन कभी भी गिर सकता है.
मधुबनी नगर पालिका अवस्थित यह सबसे प्राचीन मंदिर है. जेएन कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रभारी प्रधानाचार्य प्रो कुलधारी सिंह ने बताया कि इस मंदिर को महाराज कुमार कीर्ति सिंह ने 1860 ई. में बनवाया था.
इस मंदिर से शहरवासियों की काफी आस्था जुड़ी हुई है. 25 व 26 अप्रैल को आये भूकंप में मंदिर दरक गया था. मंगलवार को आये भूकंप में मंदिर से ईंट व सुरखी झरने शुरू हो गये है.
हो सकता है हादसा : मुरली मनोहर मंदिर के सामने अवस्थित तालाब में रोजाना सैकड़ों पुरुष, महिलाएं एवं बच्चे स्नान करने आते है. भूकंप के झटके के बार-बार आने से मंदिर के टूटने पर तालाब में नहा रहे लोग एवं तालाब के किनारे बैठे लोगों पर जान का खतरा हो सकता है.
इस मंदिर परिसर में हमेशा ही सैकड़ों लोग विभिन्न कार्यों को लेकर बैठे रहते हैं. पौराणिक मुरली मनोहर मंदिर के प्रति लोगों की अटूट आस्था है. इस मंदिर के किनारे अवस्थित तालाब पर छठ में वार्ड संख्या-1 से 7 तक के अधिकतर छठ व्रती इसी तालाब के किनारे छठ पूजा करते है. प्रो कुलधारी सिंह ने बताया कि मंदिर पहले सीता राम मुरली मनोहर ट्रस्ट के द्वारा संचालित था.
तो मंदिर की देख रेख सुचारु रूप से होता था. 1991 ई में इसके मुख्य ट्रस्टी प्रो बुद्धिधारी सिंह के निधन के बाद इसने स्थान पर किसी की नियुक्ति नहीं की गयी. इस कारण मंदिर की स्थिति दिनानुदिन खराब ही होती गयी. मंदिर के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी जिला प्रशासन को आवेदन देकर दे दी गयी है.