काठमांडू :पिछले महीने 8,000 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले प्रलयकारी भूकंप से तबाह नेपाल में बुधवार को भी भूकंप के झटके महसूस किये गये.
प्राप्त जानकारी के अनुसार ये झटके सुबह तीन बजे महसूस किये गये जिसकी तीव्रता 5.1 बतायी जा रही है. अबतक भूकंप के 16 झटके नेपाल को हिला चुके हैं.नेपाल में रात को तीन बार भूकंप के झटके आए जिसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर क्रमश: 4.8, 4.2 और 5.1 बताई जा रही है जिसका केंद्र जमीन से 15 से 20 किलोमीटर नीचे था.आज मृतकों की संख्या 65 हो गयी है.
इससे पहले मंगलवार को नेपाल की धरती फिर डोली जिसने 58 लोगों के मारे जाने की खबर थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल बताये गये थे. अमेरिकी के जिओलॉजिकल सर्वे के मुताबिक इसका केंद्र काठमांडू के 83 किलोमीटर पूर्व में माउंट एवरेस्ट के निकट 15 किलोमीटर की गहराई में था.
एजेंसी ने पहले भूकंप का वेग रिक्टर पैमाने पर 7.4 मापा था, बाद में इसकी तीव्रता 7.3 बतायी. पिछले महीने धरती के करवट बदलने से सबसे ज्यादा प्रभावित दोलाखा और सिंधुपाल चौक जिलों पर इस बार भी भूकंप का सबसे ज्यादा असर पड़ा. नेपाल के राष्ट्रीय आपदा अभियान केंद्र के अनुसार सभी उपलब्ध हेलीकॉप्टरों को मेडिकल दलों, एसएसआर टीम के साथ जल्द ही दोलाखा और सिंधुपाल चौक में लगाया गया है.
इमारतें ढहीं, सड़कें बंद : नेपाल के डिप्टी पीएम प्रकाश मान सिंह के मुताबिक सिंधुपाल चौक में कई इमारतें ढह गयी हैं. कई क्षेत्रों में सड़कें ब्लॉक हो गयी हैं. काठमांडू में भूकंप से आधा दर्जन इमारतें तबाह हो गयीं. लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आये. कुछ ने तो अनिष्ट की आशंका से रोना शुरू कर दिया. धरती के डोलने से नेपाल में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और इमारतें गिर पड़ीं. काठमांडू में बिजली गुल होने के साथ ही संचार सेवा भी प्रभावित हुई.
नेपाल में था केंद्र
भूकंप का केंद्र नेपाल में राजधानी काठमांडो से पूर्व में करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर कोडारी में 18.5 किलोमीटर की गहराई पर था. उधर अफगनिस्तान में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया.
राहत के लिए अफसर तैयार रहें : पीएम
नयी दिल्ली : भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया और सभी संबंधित अधिकारियों को जरूरत के अनुसार बचाव एवं राहत अभियानों के लिए अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये.