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देखो, देखो ! कैसे डोल रहा मकान
समस्तीपुर : बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड सेवा भूकंप के बाद घंटों बाधित रही. इस बाबत एटीडीएम सुमन कुमार झा ने बताया कि कोलकाता स्थित केंद्रीय सर्वर में कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ गयी थी. जिससे बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड सेवा ठप रही. हालांकि भूकंप के बाद लगभग आधे घंटे तक बीएसएनएल की मोबाइल सेवा हाई ट्रैफिक का शिकार […]
समस्तीपुर : बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड सेवा भूकंप के बाद घंटों बाधित रही. इस बाबत एटीडीएम सुमन कुमार झा ने बताया कि कोलकाता स्थित केंद्रीय सर्वर में कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ गयी थी. जिससे बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड सेवा ठप रही.
हालांकि भूकंप के बाद लगभग आधे घंटे तक बीएसएनएल की मोबाइल सेवा हाई ट्रैफिक का शिकार रही. इसके कारण ग्राहकों को कॉल लगानें में समस्या आड़े आ रही थी.
विभाग ने दावा किया इस दौरान बीएसएनएल की लैंडलाइन सेवा पर इसका असर नहीं पड़ा है. वहीं सभी बीटीएस टावर भी पूर्णरुपेण सुरक्षित रही. लगभग दो घंटे बाद ही सेवा वापस बहाल हो सकी. बतातें चलें कि विगत माह आयी भूकंप में सबसे ज्यादा असर बीएसएनएल की मोबाइल सेवा पर ही दिखा था.
दहशत में दिखे स्कूली बच्चे
भूकंप की यादें अभी जेहन में ताजा ही थी. कक्षाएं चल रही थी. इस बीच भूकंप क ी तेज कंपन्न ने बच्चे व शिक्षकों के बीच घबराहट पैदा कर दी.
कक्षा ले रहे शिक्षकों ने बच्चों को लाइन में लगाकर बाहर जाने का आदेश दिया. इस बीच बच्चे भी अब बातों को समझ चुके थे. विद्यालय के बाहर मैदान में बच्चों को एकत्र किया गया. जब भूकंप की थड़थड़ाहट कम हुई तो कई विद्यालयों ने छुट्टी की घोषणा कर दी है. हालांकि आंगनबाड़ी केंद्रों में समय बदल जाने के कारण आज यहां कोई असर नहीं दिखा.
बिजली रही गूल
भूकंप के बाद विभिन्न इलाकों में बिजली कट गयी. एहतियातन कई जगहों पर बिजली पुरी तरह बंद कर दी गयी. लगभग आधे घंटे बाद ही घरों में विद्युत सेवा बहाल हो सकी. इस बीच लोगों के बीच भूकंप की तीव्रता जानने को लेकर बेचैनी जारी रही. वहीं लोग भूकंप में हुई नुकसान का आकलन करने के लिये बिजली का इंतजार करते दिखे. बिजली आने के बाद ही उनकी बेचैनी पर विराम लगा.
यादों में दहशत ने बनायी जगह
लोगों की यादों में अब दहशत ने अपनी जगह बनानी लगी है. भूकंप के घंटों बाद तक लोगों को कंपन्न महसूस होते रहे.
इस बीच रह रहकर वहीं आहट महसूस होती रही. लोग अब यह चर्चा करने में जुटे थे आखिरकर यह शॉक पर शॉक है. इसका अंत कब तक होगा. हिमालय के गर्भ में पल रहें इस त्रसदी की बानगी लोगों के बीच घर कर गयी है. मंगलवार को आयी भूकंप ने लोगों के बीच अब 12.40 का भय बना दिया है.
कार्यालय छोड़कर परिसर में एकत्र हुए कर्मी
विगत भूकंप की यादें कर्मचारियों की जेहन में अभी ताजा ही थी. इस बीच भूकंप के झटके नें समाहरणालय परिसर में कार्य रहे कर्मियों की तो होश ही उड़ा दिये. कर्मचारियों ने अपने फाइलों को टेबुलों पर छोड़कर ही भाग निकले.
समाहरणालय परिसर, विकास भवन के बाहर कर्मियों की भीड़ जमा थी. सभी की जुबान पर एक बार प्रकृति के कोप की चर्चाएं छिड़ गयी.
इस बीच कर्मियों के साथ ही विभागीय पदाधिकारियों व उप समाहर्ताओं ने भी सुरक्षित जगहों पर शरण ली. कर्मचारियों में चर्चाओं का बाजार गरम था. वहीं परिसर में दैनिक कार्यों के लिये आये आम लोग भी बाहर निकल आये. कई ने तो आज अपना काम कराना छोड़कर घर की राह पकड़ ली. लगभग आधे घंटे बाद कर्मचारी वापस अपने विभागों में पहुंचे. सप्ताह की शुरुआती दिनों होने के कारण आज लोगों की चहल पहल काफी थी.
भूकंप से एक करोड़ से अधिक का व्यापार चौपट
भूकंप ने आज के व्यापार को फिर से बुरी तरह प्रभावित कर दिया. लगभग एक करोड़ से अधिक का व्यापार आज चौपट हो गया. गहनों की दुकानें हो या परचून की आज लोगों ने बाजारों से दूरी बनायी रखी. लगन के समय लगातार आती भूकंप ने मानों व्यापारियों की हौसले की परीक्षा ले रही है. कई ग्राहकों ने तो अपनी खरीदारी आधी में छोड़कर घर की राह पकड़ ली.
व्यापारियों में भी अब नुकसान का असर दिखने लगा है. इसके साथ ही ग्रामीण हाटों पर भी इसका असर दिखने को मिला. मंगलवार होने के कारण आज कई जगह छोटी छोटी हाटें लगायी जाती है. इस बीच भूकंप के कारण लोगों ने घरों में ही रहना पसंद किया. छोटी व्यापारियों में भी इसका प्रतिकू ल असर देखने को मिला.
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