शिवहर: नियोजित शिक्षक महासंघ के द्वारा जारी हड़ताल कार्यक्रम 34वें दिन बाद भी जारी रहा. मंगलवार को शिक्षकों ने बीआरसी पर धरना दिया एवं सरकार से वेतनमान लागू करने की मांग की. शिक्षक नेता राधेश्याम स्िंाह ने कहा कि सरकार कहती है कि शिक्षकों को वेतनमान देंगे, तो बोझ बढ़ेगा. किंतु मुख्यमंत्री का वेतन 99,500 है, तो क्या इससे बोझ नहीं बढ़ रहा है.उन्होने कहा कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का वेतन 5000, गोआ का 20000,राजस्थान का 25000, छतीसगढ़ का 30000, हरियाणा का 45000, मध्यप्रदेश का 47000, महाराष्ट्र का 56500, गुजरात का 64000, हिमाचल प्रदेश का 75000, तमिलनाडू का 81500, असम का 83000, दिल्ली का 85000, उत्तरप्रदेश का 95000 मुख्यमंत्री के लिए मानदेय निर्धारित है, तो बिहार के मुख्यमंत्री सबसे अधिक 99500 रुपये मानदेय क्यों लेते हैं ? क्या इससे बोझ नहीं बढ़ता है, मुख्यमंत्री को इसका जबाब देना चाहिए. शिक्षक अध्यक्ष मंडल के सदस्य उमेश कुमार तिवारी, अभय कुमार, राधेश्याम सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं है, किंतु जब तक वेतनमान नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा.मौके पर नरेश कुमार चौधरी, सरफुदीन, पवन कुमार, लालबिहारी साह, सीमा कुमारी, अनुराधा सिंह, बबीता कुमारी, अगुंरी, निशा समेत कई मौजूद थे. इधर, शिक्षक नेताओं ने आग्रह किया है कि उनके शिक्षक साथी आंगनबाड़ी पोषाहार निकासी चेक पर अपना हस्ताक्षर नहीं करे.
शिक्षकों ने कहा, सीएम का वेतन 99 हजार
शिवहर: नियोजित शिक्षक महासंघ के द्वारा जारी हड़ताल कार्यक्रम 34वें दिन बाद भी जारी रहा. मंगलवार को शिक्षकों ने बीआरसी पर धरना दिया एवं सरकार से वेतनमान लागू करने की मांग की. शिक्षक नेता राधेश्याम स्िंाह ने कहा कि सरकार कहती है कि शिक्षकों को वेतनमान देंगे, तो बोझ बढ़ेगा. किंतु मुख्यमंत्री का वेतन 99,500 […]
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