नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने हड़ताल कर रहे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कर्मचारियों पर एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट ( एस्मा ) लगा दिया है जिसके तहत हड़ताल पर गये कर्मचारियों पर सरकार कार्रवाई कर सकती है. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने कर्मचारियों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी, लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.
रोड रेज की एक घटना में मारे गये एक चालक के परिजन को एक करोड रुपए मुआवजे के तौर पर देने की मांग को लेकर डीटीसी के कर्मचारियों की आज लगातार दूसरे दिन हडताल के कारण पूरे शहर में बस सेवाएं प्रभावित रहीं.आज भी दिल्ली में बसें कम चल रही हैं जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है हालांकि आज दो हजार बसों के सड़कों पर उतरने का दावा सरकार की ओर से किया जा रहा है जो रोजाना के मुकाबले काफी कम है. बसों की हड़ताल का असर मेट्रो स्टेशनों पर देखा जा रहा है जहां बाहर लंबी कतारें देखी जा रही हैं. हड़ताल का फायदा शहर ऑटो चालक उठा रहे हैं. वे यात्रियों से ज्यादा किराया ले रहे हैं जिससे लोगों में आक्रोश है.
गौरतलब है कि रविवार को रोडरेज में एक डीटीसी बस ड्राइवर की हत्या के विरोध में ये लोग हड़ताल पर हैं. पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में 42 साल के बस चालक अशोक कुमार की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या किये जाने के विरोध में यह हड़ताल किया जा रहा है.
सोमवार को दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने इसे राजनीतिक गतिविधियों से प्रभावित बंद बताया. गोपाल राय ने आरोप लगाया कि बंद कराने में भारतीय जनता पार्टी का हाथ है. उसकी सह पर ही कर्मचारी हड़ताल पर गये हैं. भाजपा चाहती है कि दिल्ली में रह रहे लोगों परेशानी का सामना करना पड़े और दिल्ली सरकार सवालों के घेरे में आये. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रभारी सतीष उपाध्याय ने पार्टी पर लग रहे इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि हमें लाश पर राजनीति करनी नहीं आती आम आदमी पार्टी को इसमें महारथ हासिल है इससे पहले भी उन्होंने किसान गजेंद्र की मौत पर राजनीति की थी.