यह हमारे संघर्ष से जुड़ा है. दरअसल विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि ममता ने नरेंद्र मोदी के साथ गठजोड़ कर लिया है, क्योंकि नरेंद्र मोदी की कोलकाता यात्र के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में ममता और मोदी मंच साझा करते नजर आये.
हालांकि ममता बनर्जी पहले भी कह चुकी हैं कि उनकी पार्टी भूमि अधिग्रहण विधेयक का समर्थन नहीं करेगी. मोदी की यात्रा से राजनीतिक समीकरण बदलने की विपक्ष की आशंका को गलत साबित करते हुए ममता ने कहा कि हमने संसद में अपना पक्ष साफ कर दिया है. मैं जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 26 दिन भूख हड़ताल पर रही. नंदीग्राम और सिंगुर में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ लंबा आंदोलन चलाने वाली तृणमूल नेत्री ने कहा कि जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हमारे आंदोलन के कारण ही 1894 के भूमि अधिग्रहण विधेयक को खत्म करने की मांग ने जोर पकड़ा था.