– सरकारी अस्पतालों में पोस्ट ऑपरेटिव रूम में नहीं रखे जाते मरीज – ऑपरेशन के बाद मरीजों को होती है परेशानी, गंभीर होने पर कर देते हैं रेफरवरीय संवाददाता,भागलपुर जिले के सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन के बाद मरीजों को पोस्ट ऑपरेटिव रूम में नहीं रखा जाता है. कई बार मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है. यहां तक कि उनकी जान चली जाती है. यह स्थिति तब है जब राज्य सरकार अधिकारियों के साथ बैठक कर लगातार निर्देश देती रहती है. कभी-कभार वीआइपी मरीजों के लिए पोस्ट ऑपरेटिव रूम का इस्तेमाल किया जाता है, इसके बाद यह बंद ही रहता है. भागलपुर, बांका, मुंगेर, जमुई, लखीसराय समेत आसपास के 10 जिलों में यही स्थिति है. इन अस्पतालों में ऑपरेशन करने के बाद चिकित्सक निश्चिंत हो जाते हैं और मरीज भगवान भरोसे रहते हैं. मरीजों को ओटी के बाद सीधे वार्ड में भेज दिया जाता है. ऑपरेशन के बाद कई बार मरीजों का बीपी, हर्ट व पैरालॉइसिस (लकवा) जैसी समस्या होने लगती है. ऐसे में परिजन घबरा जाते हैं और चिकित्सकों को खोजने लगते हैं. चिकित्सक के नहीं मिलने पर मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है. सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ संजय कुमार कहते हैं कि हमारे यहां तो मरीजों की संख्या कम रहती है. ऐसे में वार्ड भी पोस्ट ऑपरेटिव रूम की तरह ही काम करता है. जेएलएनएमसीएच अधीक्षक डॉ आरसी मंडल कहते हैं कि ऐसा तो नहीं है. हम इस बारे में पता करेंगे. अगर ऐसा है, तो इसे बंद कराया जायेगा.
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ऑपरेशन के बाद मरीज भगवान भरोसे
– सरकारी अस्पतालों में पोस्ट ऑपरेटिव रूम में नहीं रखे जाते मरीज – ऑपरेशन के बाद मरीजों को होती है परेशानी, गंभीर होने पर कर देते हैं रेफरवरीय संवाददाता,भागलपुर जिले के सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन के बाद मरीजों को पोस्ट ऑपरेटिव रूम में नहीं रखा जाता है. कई बार मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती […]
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