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जूट मिलों का संकट गहराया और आठ हजार श्रमिक बेरोजगार

कोलकाता / हुगली. राज्य में जूट मिलों का संकट गहराता जा रहा है. और दो जूट मिलों के बंद हो जाने से 8 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं. राज्य में 59 जूट कारखाने हैं, जिसमें 15 से ज्यादा बंद हो चुकी हैं. जूट संकट के चलते हाल में एक लाख श्रमिक बेरोजगार हुए हैं. […]

कोलकाता / हुगली. राज्य में जूट मिलों का संकट गहराता जा रहा है. और दो जूट मिलों के बंद हो जाने से 8 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं. राज्य में 59 जूट कारखाने हैं, जिसमें 15 से ज्यादा बंद हो चुकी हैं. जूट संकट के चलते हाल में एक लाख श्रमिक बेरोजगार हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं.

श्रमिकों के साथ ही मालिक पक्ष की भी पीएम से उम्मीदें जगी हैं. शनिवार को हुगली जिले की श्याम नगर नार्थ जूट मिल में ताला लग गया. प्रबंधन ने यहां शिफ्ट कम करने की बात कही थी, जिसे श्रमिक यूनियनों से मानने से इनकार कर दिया. शनिवार सुबह प्रबंधन ने मिल बंद होने का नोटिस लगा दिया. मिल बंद होने से पांच हजार श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं.

उधर, गार्डेनरीच स्थित हुगली मिल कंपनी लिमिटेड में भी 48 घंटों से उत्पादन ठप है. शनिवार को मिल प्रबंधक राहुल सिन्हा ने यूनियन नेताओं के साथ बैठक की और साफ कर दिया कि फिलहाल मिल में उत्पादन शुरू नहीं हो सकता. इससे यहां के 3000 श्रमिक के सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गयी है. मिल प्रबंधन ने कहा कि अगर श्रमिक लोन चाहेंगे तो कंपनी कर्ज देगी. लेकिन मिल कब तक खुलेगी, यह वह नहीं बता सकते. क्योंकि नुकसान में कारखाने को चलाना संभव नहीं है.

क्या है समस्या: जूट उत्पादों की मांग में आयी कमी के चलते समस्या बढ़ गयी है. प्रबंध लागत कम करने के लिए शिफ्ट में कटौती करने का प्रयास कर रहा है. इससे मजदूरों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. एक तो उनकी तनख्वाह कम है. शिफ्ट में कटौती का सीधा असर उनके वेतन पर हो रहा है. इससे श्रमिकों में नाराजगी है. हाल में प्रबंधन और श्रमिकों में टकराव बढ़ा है. श्रमिक कठिन हालात में गुजर-बसर कर रहे हैं. उन्हें जीवन की मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है.
प्रधानमंत्री से उम्मीद: पश्चिम बंगाल के जूट उद्योग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच बातचीत से काफी उम्मीदें हैं. शनिवार को ममता ने राजभवन में प्रधानमंत्री से मुलाकात कीं. रविवार को भी वह मोदी से मिलेंगी. उद्योग जगत को लगता है कि प्रधानमंत्री उनकी चिंताएं दूर करेंगे. भारतीय जूट मिल एसोसिएशन के चेयरमैन संजय कजरिया ने कहा कि पहले ही 15 मिलें बंद हो चुकी हैं, जिससे करीब एक लाख कर्मचारी बेरोजगार हो गये हैं. पर्याप्त ऑर्डर के आश्वासन के बिना और मिलें बंद हो सकतीं हैं. हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच बैठक में यह मुद्दा उठेगा और बंगाल की जूट मिल की समस्या दूर होगी. उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि खरीफ मौसम में रबी फसलों की तुलना में खरीद कम होगी, इससे मिलें बंद हो रही हैं. कजरिया ने कहा कि मार्च 2015 को समाप्त रबी मौसम में केंद्र सरकार ने कुल मांग से 30 फीसदी कम की खरीद की. खरीफ मौसम की खरीदारी 15 मई से शुरू होनी है और अब तक संकेत यही है कि इस बार ऑर्डर कम मिलेंगे. राज्य में 59 जूट मिलें हैं, जिससे करीब 2.5 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है.

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